लखनऊ: शिया वक्फ बोर्ड के पूर्व चेयरमैन वसीम रिजवी ने मुफ्ती अब्दुर्रहीम नश्तर फारूकी के दिए गए बयान पर आपत्ति जताई है. दरअसल मुफ्ती अब्दुर्रहीम ने बरेली जिले में एक बयान जारी कर कहा था कि मस्जिदों में अल्कोहलिक सैनिटाइजर का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए. इसी बात को लेकर रिजवी ने टिप्पणी करते हुए कहा कि ऐसे मौलाना इस्लामिक जहरीले वायरस से मानसिक बीमार हैं.
शिया वक्फ बोर्ड के पूर्व चेयरमैन वसीम रिजवी. मुफ्ती पर हमलावर दिखे वसीम रिजवी
शिया वक्फ बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष वसीम रिजवी ने शुक्रवार को मीडिया में बयान जारी कर कहा कि कट्टरपंथी मुस्लिम, मुल्ला इस्लामिक जहरीले वायरस से मानसिक रूप से बीमार हो चुके हैं. कोई भी मुसलमान किसी भी मस्जिद में जाने से पहले सैनिटाइजर से अपने हाथ साफ कर सकता है. अगर किसी की जान जाने का खतरा हो तो किसी भी मस्जिद को सैनिटाइजर से सफाई भी की जा सकती है.
सैनिटाइजर का इस्तेमाल जायज
रिजवी ने कहा कि अपने को और दूसरे को सुरक्षित रखने के लिए एल्कोहल से बने सैनिटाइजर का इस्तेमाल कर खुद को साफ रखना जायज है. किसी भी केमिकल को पीकर नशा करना गुनाह है, लेकिन हाथ धोया जा सकता है. वसीम रिजवी ने कहा कि एल्कोहल गंदा नहीं, बल्कि इंसानियत और देश में रहकर पाकिस्तानी और जिहादी विचार गंदे है.
मुफ्ती अब्दुर्रहीम ने सैनिटाइजर पर उठाए थे सवाल
आपको बता दें कि बरेली जिले के एक मुफ्ती ने अल्कोहल सैनिटाइजर से मस्जिद को साफ करने के मामले पर आपत्ति जताई थी. हालांकि उनके इस बयान से इस्लाम धर्म के सुन्नी और देवबंदी समुदाय के उलमा ने अलग विचार रखें और कोरोना काल में अल्कोहल सैनिटाइजर को मस्जिद के इस्तेमाल के लिए सही ठहराया. सरकार ने धार्मिक स्थल को अल्कोहल युक्त सैनिटाइजर से साफ करने के निर्देश दिए है.