लखनऊ:उत्तर प्रदेश के वित्त एवं संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना ने नाबार्ड की क्षेत्रीय कार्यालय में आयोजित राज्य ऋण संगोष्ठी में वर्ष 2020-21 के लिए स्टेट फोकस पेपर का विमोचन किया. इसमें राज्य में प्राथमिकता क्षेत्र के आधार पर उपक्षेत्रवार ऋण संभावनाओं का आंकलन किया गया है.
वित्तमंत्री सुरेश खन्ना ने स्टेट फोकस पेपर किया जारी. ईटीवी भारत से की बातचीत
वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने इस मौके पर ईटीवी भारत से बातचीत की. बातचीत के दौरान उन्होंने राज्य के लिए प्राथमिकता क्षेत्र के अंतर्गत ऋण संभावनाओं के आंकलन के लिए नाबार्ड के प्रयासों की सराहना की. वित्त मंत्री ने इस बात पर संतोष प्रकट किया कि कुल कृषि ऋण के लगभग आधे ऋण का लक्ष्य अल्पावधि में किसान क्रेडिट कार्ड के तहत किसानों के लिए रखा गया है. उन्होंने कहा कि इससे कार्यान्वित किए जा रहे प्रधानमंत्री किसान योजना के लक्ष्यों को प्राप्त करने में भी सहायता मिलेगी.
इस दौरान वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने ऋण प्रवाह को बढ़ाने के लिए अनुकूल वातावरण तैयार करने से संबंधित राज्य सरकार की विभिन्न योजनाओं का उल्लेख किया और कहा कि इससे वर्ष 2024 तक पांच ट्रिलियन डॉलर इकॉनमी के लक्ष्य को प्राप्त करने में मदद मिलेगी.
स्टेट फोकस पेपर में 2.94 लाख करोड़ रुपये की ऋण संभावनाएं
उन्होंने बताया कि स्टेट फोकस पेपर में वर्ष 2020-21 के लिए उत्तर प्रदेश के लिए प्राथमिकता क्षेत्र के अंतर्गत 2.94 लाख करोड़ रुपये के ऋण की संभावनाएं दी गई हैं. जिसमें अल्पावधि फसल के लिए 1.40 लाख करोड़ रुपये की ऋण संभावनाएं भी शामिल हैं जो कुल संभावनाओं का 40% है. कृषि और अनुषांगी क्षेत्रों जैसे जल संसाधन, कृषि यंत्रीकरण, बागान और बागवानी, डेरी, मत्स्य पालन आदि में निवेश ऋण हेतु 34 हजार करोड़ की संभावनाओं का अनुमान किया गया है. अन्य प्रमुख उपक्षेत्रों में ऋण संभावनाओं के आंकलन में एमएसएमई के लिए 63 हजार करोड़ रुपये और आवास ऋण के लिए 18265 करोड़ रुपये शामिल हैं.