लखनऊ: वर्ष 2020-21 के लिए प्रदेश की बिजली कंपनियों ने राज्य विद्युत नियामक आयोग में वार्षिक राजस्व आवश्यकता (एआरआर) दाखिल की है. कंपनियों ने इस वर्ष के लिए करीब 71 हजार करोड़ के राजस्व की जरूरत बताई है. दाखिल किए गए एआरआर में विद्युत वितरण में सुधार के साथ ही कंपनियों ने छह फीसदी वितरण हानि बढ़ाकर 17.90 फीसदी प्रस्तावित की है.
6 फीसदी बढ़ाई गई वितरण हानि
बिजली कंपनियों ने ई-फाइलिंग के जरिए इस साल राज्य विद्युत नियामक आयोग में एआरआर दाखिल किया है. वित्तीय वर्ष 2019-20 में वितरण हानि 11.96 फीसदी प्रस्तावित थीं, वहीं वर्ष 2020-21 में वितरण हानि बढ़ाकर 17.90 फीसदी प्रस्तावित कर दी गई हैं. बिजली कंपनियों की तरफ से अलग-अलग दाखिल ई-फाइलिंग में बिजली दरों में बढ़ोत्तरी या कमी का कोई स्पष्ट प्रस्ताव नहीं है.
3 जुलाई से पहले प्रस्ताव होगा दाखिल
नीति आयोग के निर्देशों के मुताबिक बिजली दरों के निर्धारण में इस बार बड़ा फेरबदल किया जा रहा है. दिल्ली की तर्ज पर बिजली दरों की स्लैब और श्रेणियां कम की जा सकती हैं. 3 जुलाई से पहले बिजली कंपनियां विद्युत नियामक आयोग में बिजली दरों के निर्धारण का प्रस्ताव भी दाखिल कर देंगी.