लखनऊ : भारत निर्वाचन आयोग ने लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर सोमवार को योजना भवन में छह राज्यों के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों एवं स्टेट पुलिस के नोडल अधिकारियों के साथ रीजनल कांफ्रेंस की और तैयारियों की समीक्षा की. भारत निर्वाचन आयोग की टीम ने उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, बिहार, झारखंड तथा उड़ीसा के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों एवं स्टेट पुलिस नोडल अधिकारियों के साथ लोकसभा चुनाव सकुशल सम्पन्न कराने के लिए विभिन्न विषयों पर चर्चा की. मध्य प्रदेश एवं छत्तीसगढ़ के सीईओ एवं एसपीएनओ के द्वारा हाल ही में सम्पन्न हुए विधानसभा सामान्य निर्वाचन-2023 के अनुभव भी साझा किए गए.
भारत निर्वाचन आयोग की टीम में धर्मेंद्र शर्मा, नितेश कुमार व्यास, वरिष्ठ उप चुनाव आयुक्त, मनोज कुमार साहू, उप चुनाव आयुक्त, डॉ. नीता वर्मा, महानिदेशक आईटी, पंकज श्रीवास्तव निदेशक व्यय और दीपाली मासिरकर निदेशक ईसीआई शामिल रहे. मुख्य निर्वाचन अधिकारियों और स्टेट पुलिस नोडल अधिकारियों में उप्र से मुख्य निर्वाचन अधिकारी नवदीप रिणवा, स्टेट पुलिस नोडल अधिकारी प्रशांत कुमार शामिल रहे. रीजनल कांफ्रेंस में उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, बिहार, झारखंड तथा उड़ीसा के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों एवं स्टेट पुलिस नोडल अधिकारियों ने आगामी लोकसभा चुनाव-2024 की योजना, तैयारियों के संबंध में विस्तृत प्रस्तुतियां दी एवं अपने राज्यों की कानून और व्यवस्था की स्थिति, मतदाता नामांकन प्रयासों, मतदान केंद्रों पर सुनिश्चित न्यूनतम सुविधाएं (एएमएफ) और अन्य मतदान बुनियादी ढांचे की स्थिति, जनशक्ति की आवश्यकता और उपलब्धता के बारे में अवगत कराया गया.
भारत निर्वाचन आयोग की टीम ने सभी मुख्य निर्वाचन अधिकारियों को एसएसआर (विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण-2024) के दौरान एक स्वस्थ और समावेशी मतदाता सूची की तैयारी सुनिश्चित करने का निर्देश दिया. विशेष रूप से हितधारक भागीदारी (राजनीतिक दलों सहित) सुनिश्चित करना, विभिन्न रोल सूचकांकों में सुधार करना, पहली बार बनने वाले सभी पात्र मतदाताओं का नामांकन सुनिश्चित करना. मृत और डुप्लिकेट मतदाताओं को हटाना और विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूहों (पीवीटीजी), थर्ड जेंडर, यौनकर्मियों, बेघर, पीडब्ल्यूडी, अन्य पहचाने गए कमजोर समूहों के नामांकन पर विशेष ध्यान केंद्रित करना. इसके अलावा व्यवस्थित मतदाता शिक्षा और चुनावी भागीदारी (स्वीप) कार्यक्रमों के माध्यम से मतदाता, मतदान बढ़ाने की योजना, विभिन्न आईटी अनुप्रयोगों का अधिकतम उपयोग, चुनाव व्यय प्रबंधन, विभिन्न मतदान अधिकारियों के प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण पर भी समीक्षा बैठक में चर्चा की गई.