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लखनऊ में गर्मी का बढ़ा सितम तो बिजली की मांग बढ़ी, 26 हजार मेगावाट से ज्यादा पहुंची डिमांड - बिजली उपकेंद्रों पर हंगाना

उत्तर प्रदेश में भीषण गर्मी पड़ने के कारण बिजली की मांग बढ़ गई है. इसको देखते हुए बिजली संकट होने लगा है. रोजाना कई विद्युत उपकेंद्रों पर हंगामा होने की सूचनाएं मिल रही हैं.

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Published : May 24, 2023, 9:10 PM IST

लखनऊ : गर्मी का पारा चढ़ते ही बिजली की मांग में जबरदस्त बढ़ोतरी हो गई है. प्रदेश के उपभोक्ताओं को बिजली उपलब्ध करा पाना विभाग के लिए टेढ़ी खीर साबित होने लगा है. राजधानी लखनऊ में ही बिजली के लिए त्राहि-त्राहि मची है. लखनऊ के दुबग्गा उपकेंद्र के अंतर्गत हाल ही में जबरदस्त हंगामा हुआ. वहीं शहर के अन्य उपकेंद्रों से भी बिजली आपूर्ति ध्वस्त होने को लेकर आक्रोशित भीड़ ने प्रदर्शन किया. प्रदेश के विभिन्न जनपदों में बिजली संकट बढ़ने लगा है. हालांकि उत्तर प्रदेश के ऊर्जा मंत्री अरविंद कुमार शर्मा का कहना है कि बढ़ी मांग के बावजूद कहीं भी बिजली संकट नहीं है. निर्बाध रूप से बिजली आपूर्ति जारी है.

ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने कहा कि पूरे प्रदेश में भीषण गर्मी के प्रकोप के कारण बिजली की मांग में अप्रत्याशित बढ़ोतरी हुई है. 22 मई को 26,136 मेगावॉट बिजली की अधिकतम मांग की पूर्ति ऊर्जा विभाग ने की. यह पहली बार हुआ जब मई माह में बिजली की मांग 26 हजार मेगावॉट के ऊपर गई है. उन्होंने कहा कि निर्धारित शिड्यूल के अनुरूप प्रदेश के सभी क्षेत्रों में निर्वाध विद्युत आपूर्ति उपभोक्ताओं को की जा रही है. इसमें किसी भी प्रकार की कटौती नहीं की जा रही है. उपभोक्ताओं के हित में कठोर कदम उठाने और कड़े निर्णय लेने से भी पीछे नहीं हटा जा रहा है. अभी उपभोक्ताओं के लिए दी जाने वाली सुविधाओं के समय से न मिलने पर उन्हें मुआवजा देने का प्रावधान किया गया है. इसके लिए सभी अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए गए है कि उपभोक्ताओं की समस्याओं का हल निश्चित समय के अंतर्गत करें. इसमें किसी भी प्रकार की लापरवाही पर सख्त कार्रवाई की जाएगी.
लखनऊ में गर्मी का बढ़ा सितम तो बिजली की मांग बढ़ी.

ऊर्जा मंत्री ने कहा है कि वर्तमान में स्थानीय कारणों के कारण आंधी तूफान आने से, पेड़ों के टूटने से या किसी प्रकार की दुर्घटना से जहां पर भी विद्युत आपूर्ति बाधित हो रही है, उसे तत्काल ठीक कराया जा रहा है. साथ ही बिजली की मांग बढ़ने से ट्रांसफामर्र का लोड चेक करने के भी निर्देश दिए गए हैं. साल 2012 से 2017 के बीच सपा सरकार के दौरान प्रदेश की जितनी अधिकतम डिमांड रही उतनी वर्तमान में हमारी 16 हजार मेगावॉट न्यूनतम डिमांड है. उस समय मुश्किल से प्रदेश में जो भी उपभोक्ता रहे हैं, आज उसका तीन गुना बढ़कर 3.27 करोड़ हो गए हैं. जिनको ऊर्जा विभाग रोस्टर के अनुरूप निर्बाध विद्युत आपूर्ति कर रहा है. उपभोक्ताओं की अब बिजली कनेक्शन लेने, वोल्टेज समस्या, ट्रांसफॉर्मर बदलने, लोड घटाने-बढ़ाने, मीटर व बिल संबंधी शिकायतों को समय से हल किया जाएगा.


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