लखनऊ : एनएचएम और स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा बैठक करते हुए डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने कहा कि 'आशा वर्कर को हर हाल में समय पर मानदेय मुहैया कराया जाये. इसमें किसी भी प्रकार की लेटलतीफी बर्दाश्त नहीं की जायेगी. कई बार आशा, एएनएम समेत दूसरे वर्कर समय पर मानदेय या वेतन न मिलने की शिकायत करते हैं. अधिकारी समय-समय पर कर्मचारियों के मानदेय वेतन की समीक्षा करें, साथ ही व्यवस्था में सुधार लाएं. नेशनल हेल्थ मिशन (एनएचएम) व स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी सभी का वेतन समय पर जारी करना सुनिश्चित करें.'
Deputy CM Brajesh Pathak ने कहा, आशा वर्कर के मानदेय में लेटलतीफी नहीं होगी बर्दाश्त - नेशनल हेल्थ मिशन
डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने शुक्रवार को एनएचएम और स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा (Deputy CM Brajesh Pathak) बैठक की. इस दौरान उन्होंने कहा कि अधिकारी समय-समय पर कर्मचारियों के मानदेय वेतन की समीक्षा करें.
उत्तर प्रदेश में एक लाख 60 हजार से अधिक ग्रामीण और सात हजार से ज्यादा शहर में आशा वर्कर हैं. आठ हजार से अधिक आशा संगिनी हैं. आशा, एएनएम, आंगनबाड़ी स्वास्थ्य सुविधा को सबसे निचले पायदान के लोगों तक स्वास्थ्य सुविधाएं पहुंचाने में महत्वपूर्ण इकाई हैं. डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने कहा कि 'आशा वर्कर मातृ शिशु मृत्युदर के आंकड़ों में कमी लाने में अहम भूमिका निभाती हैं. गर्भवती महिलाओं की पहचान कर उन्हें अस्पताल लाती हैं. संस्थागत प्रसव को बढ़ावा देने के लिए लगातार काम करती हैं. शिशुओं का टीकाकरण करती हैं.'
स्वास्थ्य सेवाओं की अहम कड़ी : उन्होंने कहा कि'परिवार नियोजन समेत दूसरी केंद्र व प्रदेश सरकार की योजनाओं को जन-जन तक पहुंचा रही हैं. आशा जनता के स्वास्थ्य की अहम कड़ी हैं. सरकार का फोकस आशा वर्कर को हाईटेक करना है. उन्हें स्मार्टफोन से लैस किया जा रहा है, ताकि योजनाओं का सही क्रियांवयन हो सके. आशा व एएनएम समेत दूसरे कर्मचारियों का मनोबल बढ़ा रहे, इसलिए समय पर वेतन, मानदेय मिलना चाहिये. इसमें किसी भी दशा में लापरवाही न बरती जाये.'
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