लखनऊ :प्रदेश भर में इस समय वायरल बुखार से पीड़ित मरीजों की संख्या बढ़ी है. राजधानी लखनऊ के सरकारी अस्पतालों में इन दोनों वायरल बुखार से पीड़ित मरीजों की संख्या काफी तेजी से बढ़ी है. पिछले 10 दिनों की अगर तुलना करते हैं तो वायरल बुखार से पीड़ित मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है. साथ ही डेंगू पॉजिटिव मरीजों की संख्या में उतार-चढ़ाव आया है. स्वास्थ्य विभाग के द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक, लगातार डेंगू मरीजों में उतार-चढ़ाव देखने को मिल रहा है. हालांकि, यह सिर्फ सरकारी अस्पतालों के आंकड़े हैं. बीते दिन रविवार को शहर में 26 नए डेंगू के मरीज मिले थे, हालांकि सोमवार सुबह 12 बजे तक सात डेंगू पॉजीटिव ((Dengue patients in Lucknow)) मरीजों की पुष्टि हुई है.
इस मौसम में डेंगू, चिकनगुनिया, मलेरिया जैसी मौसमीय बीमारियां फैलती हैं. पिछले कुछ दिनों में राजधानी लखनऊ में डेंगू के मरीजों में उतार-चढ़ाव जारी है. स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के मुताबिक, बीते दिन बुधवार को लखनऊ में 15 मरीज मिले थे, हालांकि यह सरकारी आंकड़ों के मुताबिक है. शहर में एक तबका ऐसा भी है जो सरकारी अस्पतालों में भीड़ से बचने के लिए निजी अस्पतालों का रूख करते हैं. जिसका कोई आंकड़ा स्वास्थ्य विभाग के पास नहीं हैं. इन दिनों राजधानी लखनऊ के सरकारी अस्पतालों में वायरल बुखार के चलते काफी भीड़ हो रही है. सुबह 8 बजे से दोपहर 3 बजे तक अस्पतालों में काफी भीड़ देखने को मिल रही है. इसके अलावा अस्पताल की पैथोलॉजी में भी लंबी लाइन जांच के लिए लगी हुई है.
बलरामपुर अस्पताल के सीएमएस डॉ. अतुल मल्होत्रा के मुताबिक, 'डेंगू वार्ड में इस समय छह से सात मरीज भर्ती हैं, हालांकि जितने भी मरीज भर्ती हैं उनकी डेंगू जांच भले ही पॉजिटिव आई है, लेकिन इनकी एलाइजा जांच निगेटिव है. रिपोर्ट को देखते हुए तीन दिन के लिए मरीजों को भर्ती किया जा रहा है, हालांकि इस बार ज्यादातर मरीजों की रिपोर्ट पॉजिटिव नहीं आ रही है, जबकि उनके प्लेटलेट्स चार से पांच दिन बुखार होने पर काम हो रही है.'
सिविल अस्पताल की सीएमएस डॉ. राजेश कुमार श्रीवास्तव के मुताबिक, 'इन दिनों अस्पताल में वायरल बुखार से पीड़ित मरीजों की संख्या काफी ज्यादा बढ़ी है. मरीजों की संख्या बढ़ने की वजह से अस्पताल की पैथोलॉजी में जांच के लिए लंबी लाइन लगी हुई है. इस बार डेंगू पॉजिटिव रिपोर्ट मरीज की नहीं आ रही है. मरीज चार से पांच दिन वायरल बुखार से पीड़ित हो रहे हैं. इसके बाद मरीज की प्लेटलेट्स कम हो जा रही है. इस स्थिति में मरीज को घबराने की आवश्यकता नहीं है. एक सामान्य व्यक्ति में मिनिमम दो लाख प्लेटलेट्स होती हैं. अगर प्लेटलेट्स एक लाख भी पहुंच रही है तो भी इतना घबराने की आवश्यकता नहीं है. ज्यादातर मरीज घबरा जाते हैं, जिसके चलते दिन-ब-दिन उनके प्लेटलेट्स और घटने लगती हैं. अगर प्लेटलेट्स में लगातार गिरावट हो रही है तो नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में जाकर अपना चेकअप कराकर बेहतर इलाज में लें.'