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भागलपुर से साइबर ठग साकेत गिरफ्तार, UP में लगाया था 92 लाख का चूना

92 लाख दस हजार रुपये की साइबर ठगी करने के आरोपी साकेत मिश्रा को उत्तर प्रदेश की पुलिस ने भागलपुर से गिरफ्तार किया है. बाखरपुर पुलिस की मदद से यूपी पुलिस ने छापेमारी कर गिरफ्तारी की है. उसने उत्तर प्रदेश (Cyber Fraud of UP) के मिर्जापुर थानाक्षेत्र में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन से जुड़े खातों से ठगी की है. पढ़ें रिपोर्ट..

भागलपुर से साइबर ठग साकेत गिरफ्तार
भागलपुर से साइबर ठग साकेत गिरफ्तार

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Published : Dec 28, 2021, 10:57 PM IST

लखनऊ/भागलपुरः उत्तर प्रदेश में 92 लाख दस हजार रुपए की साइबर ठगी करनेवाले साकेत मिश्रा को पुलिस ने भागलपुर से गिरफ्तार कर लिया है. मंगलवार को मिर्जापुर की साइबर सेल की पुलिस ने उसे पीरपैंती के बाखरपुर पुलिस की मदद से बाखरपुर गांव से गिरफ्तार (Cyber Fraud Arrested From Bhagalpur) किया. उसने उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर थानाक्षेत्र में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन से जुड़े खातों से ठगी की है.

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बता दें कि मिर्जापुर से इंस्पेक्टर श्याम बहादुर यादव के नेतृत्व में पांच सदस्यीय पुलिस टीम पीरपैंती की बाखरपुर पुलिस की मदद से बाखरपुर गांव पहुंची. वहां से साकेत को गिरफ्तार कर सीधे न्यायालय पहुंची और अदालत में पेश किया. अदालत ने 48 घंटे की ट्रांजिट रिमांड पर मिर्जापुर पुलिस को आरोपित को ले जाने की अनुमति दे दी. ट्रांजिट रिमांड मिलते ही मिर्जापुर पुलिस आरोपित को लेकर सड़क मार्ग से मिर्जापुर के लिए रवाना हो गई. उसे 48 घंटे के अंदर मिर्जापुर जनपद न्यायालय में प्रस्तुत कर उसकी जानकारी देने का निर्देश दिया गया है.

राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन से जुड़े खातों से 92 लाख दस हजार रुपए की साइबर ठगी की बात जब प्रारंभिक जांच सामने आई तो जांच की गई. जांच में सामने आया कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन सोनभद्र के अंतर्गत संचालित खातों को पीएफएमएस पोर्टल के माध्यम से क्रियान्वयन किया जाता है. बैंक समाधान विवरण बनाते समय जिला लेखा प्रबंधक, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन सोनभद्र तौहित आलम की तरफ से अवगत कराया गया कि 25 जनवरी 2021 की त्रैमास 2020-21 यानी अक्टूबर 2020 से दिसंबर 2020 तक बैंक समाधान विवरण तैयार करने के दौरान आरसीएच, एनसीडी फलैक्सी पुल, मिशन डीएचएस मुख्य खाते से कुछ लेन-देन फर्जी तरीके से किया गया है.

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इसकी जानकारी मिलने पर जिला लेखा प्रबंधक ने पीएफएमएस पोर्टल और पीएफएमएस एडवाइस इश्यू रजिस्टर से मिलान कराया गया, तो उक्त लेने-देन जिला लेखा प्रबंधक और वरीय सहायक के स्तर से नहीं किया गया था. यह चौंकाने वाली जानकारी थी, जिसके बाद तत्काल इस घटना की सूचना जिला कार्यक्रम प्रबंधक और अद्योहस्ताक्षरी को दी गई. अद्योहस्ताक्षरी के जरिये से भारतीय स्टेट बैंक की मुख्य शाखा राबर्टसगंज जाकर समस्त खातों के लेनदेन को तत्काल प्रभाव से होल्ड पर करा दिया.

उक्त फर्जी लेनदेन की सूचना जिला लेखा प्रबंधक ने वित्त प्रबंधक नरेंद्र प्रसाद और पीएफएमएस कंसलटेंट विनय को दी गई. फिर लेनदेन को लेकर मुकम्मल जानकारी से अध्यक्ष जिला स्वास्थ्य समिति सह जिलाधिकारी मिर्जापुर को अवगत करा दिया गया. आरोपित साकेत राज मिश्रा ने अन्य सहयोगियों के साथ कूट रचना कर फर्जी तरीके से डिजिटल हस्ताक्षर सर्टिफिकेट के माध्यम से बड़ी राशि अवांछित खातों में हस्तांतरित कराते हुए 92 लाख दस हजार रुपये की साइबर ठगी को अंजाम दिया गया.

राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन सोनभद्र के चार खातों से 71 बार लेनदेन के जरिये 92 लाख दस हजार रुपये अवांछित तरीके से डिजिटल हस्ताक्षर के जरिये उड़ाए गए. बैंकों की तरफ से 63 लेनदेन में सतहत्तर लाख 60 हजार रुपये हस्तांतरित की गई. बाखरपुर निवासी आरोपित साकेत मिर्जापुर की साइबर सेल की तकनीकी तफ्तीश में आरोपित पाया गया. इंस्पेक्टर श्याम बहादुर यादव की मानें तो सोनभद्र में चार खातों से निकाली गई राशि कहां भेजी गई, इसकी जांच हुई. पता चला कि भागलपुर के पीरपैंती शेरमारी स्टेट बैंक शाखा से जुड़े सीएसपी सुंदरपुर में 35 लाख रुपये भेजे गए. उक्त सीएसपी का संचालक साकेत ही था. सीएसपी प्रदान करने वाली संजीवनी विकास फाउंडेशन के तकनीकी विशेषज्ञ ऋषिकांत गुप्ता से जांच के क्रम में खाते में साकेत का फिंगर प्रिंट लगा मिला. नियम के अनुसार प्रत्येक खाते में खाता धारक का फिंगर प्रिंट होना चाहिए था.

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