लखनऊ: गिरधारी विश्वकर्मा उर्फ कन्हैया उर्फ डॉक्टर के कथित पुलिस मुठभेड़ में मारे जाने के मामले में अब उसके भाई राकेश विश्वकर्मा ने मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट के समक्ष परिवाद दाखिल किया है. परिवाद को प्रकीर्ण वाद के तौर पर दर्ज करते हुए न्यायाधीश दिनेश कुमार शर्मा ने कहा कि 20 फरवरी को मामले पर अगली सुनवाई होगी. मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने गिरधारी एनकाउंटर मामले की न्यायिक जांच कराने के आदेश दिए हैं.
परिवाद में पुलिस आयुक्त ध्रुवकांत ठाकुर, डीसीपी संजीव सुमन, एसीपी विभूति खंड प्रवीण मलिक और इंस्पेक्टर विभूति खंड चन्द्रशेखर सिंह को बतौर अभियुक्त तलब कर दंडित किए जाने की मांग की गई है. परिवाद में पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए गए हैं, जिसमें कहा गया है कि "14/15 फरवरी की रात में पुलिस ने क्रूरता से गिरधारी की हत्या कर दी. पुलिस रिमांड पर दिए जाने का विरोध करते हुए गिरधारी की ओर से कहा भी गया था कि उसके जान को खतरा है और पुलिस उसकी हत्या कर सकती है."
परिवाद में आगे कहा गया है कि "पुलिस अधिकारी गिरधारी की हत्या करते समय यह भी भूल गए कि वह कानून की अभिरक्षा में था. अपने अपराध को अंजाम देने के लिए पुलिस अधिकारियों ने फर्द बरामदगी और विवेचना सम्बंधी दस्तावेजों में भी कूटरचना की. घटना में शामिल पुलिस अधिकारियों ने उक्त चार पुलिस अधिकारियों के साथ-साथ तमाम दूसरे बड़े पुलिस अधिकारियों और ब्यूरोक्रेट्स के निगरानी में घटना को अंजाम दिया."