लखनऊ: उत्तर प्रदेश में तेजी से राजनीतिक घटनाक्रम बदल रहे हैं. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के गुरुवार को दोपहर बाद दिल्ली पहुंचने के साथ ही तमाम प्रकार की अटकलें लगाई जाने लगी हैं. उत्तर प्रदेश में मंत्रिमंडल विस्तार और केंद्र में मोदी मंत्रिमंडल विस्तार के कयास लगाए जा रहे हैं. योगी सरकार और केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार में शामिल किए जाने वाले चेहरों पर योगी के केंद्रीय नेतृत्व के साथ हो रही मुलाकातों में चर्चा चल रही है. चर्चाएं कुछ भी की जा रही हों लेकिन, तेजी से बदलते घटनाक्रम इस बात की तस्दीक करते हैं कि भाजपा और उसकी सरकार में सब कुछ ठीक-ठाक नहीं चल रहा है.
भाजपा और सरकार में सब कुछ ठीक ?
योगी मंत्रिमंडल विस्तार की अटकलें और तेज हो गई हैं. सरकार और संगठन की तरफ से भले ही बार-बार विस्तार का खंडन किया जाए, सबकुछ ठीक ठाक होने की बात की जाए लेकिन, सच्चाई इससे इतर दिख रहा है. यही वजह है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को आनन-फानन में दिल्ली पहुंचना पड़ा. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात की. माना जा रहा है कि उन्होंने योगी मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर उनसे विस्तार से चर्चा की है. इसके साथ ही उत्तर प्रदेश से जिन चेहरों को केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार में शामिल किया जाना है, उन पर भी योगी से रायशुमारी की गई है.
अनुप्रिया ने की शाह से मुलाकात
इस दौरान दिल्ली में उत्तर प्रदेश से ताल्लुक रखने वाली अपना दल से सांसद अनुप्रिया पटेल ने भी शाह से मुलाकात की है. अनुप्रिया पटेल पिछड़े वर्ग की बड़ी नेताओं में शुमार हैं. वह पिछली मोदी सरकार में राज्यमंत्री थीं. इस बार मोदी मंत्रिमंडल में उन्हें शामिल नहीं किया गया है. अब चर्चा की जा रही है कि मोदी मंत्रिमंडल विस्तार में अनुप्रिया को मंत्री बनाया जा सकता है. लिहाजा उत्तर प्रदेश से किसी भी चेहरे को केंद्र सरकार में अगर लिया जाएगा तो उस पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से चर्चा लाजिमी है.
यूपी में अब चर्चा में दो चेहरे
योगी मंत्रिमंडल में शामिल किए जाने के लिए अभी तक सबसे चर्चित चेहरा प्रधानमंत्री मोदी के करीबी कहे जाने वाले पूर्व आईएएस अधिकारी और भाजपा के एमएलसी अरविंद कुमार शर्मा रहे हैं. इनके बाद अब कांग्रेस पार्टी के से टूटकर भाजपा में शामिल होने वाले जितिन प्रसाद भी सुर्खियां बटोर रहे हैं. दरअसल जितिन प्रसाद को लेकर चर्चा है कि पार्टी उन्हें विधान परिषद भेजकर योगी सरकार में मंत्री बना सकती है. यह कयास इसलिए भी लगाए जा रहे हैं क्योंकि आज जितिन प्रसाद ने यूपी भवन में सीएम योगी से मुलाकात की है. सरकार के कुछ माह ही बचे हैं लेकिन, पार्टी उन्हें महत्वपूर्ण जिम्मेदारी देकर ब्राह्मण मतदाताओं को सकारात्मक संदेश देना चाहती है.
मंत्रिमंडल विस्तार में योगी की कितनी चलेगी ?
एके शर्मा को मंत्रिमंडल में शामिल किए जाने को लेकर योगी पहले से ही तटस्थ हैं. वह नहीं चाहते कि एके शर्मा को सरकार में शामिल किया जाए. दरअसल एके शर्मा पीएम मोदी के करीबी माने जाते हैं और ऐसे में योगी के करीबियों की दलील है कि इससे जनता के बीच दो पावर सेंटर का संदेश जाएगा. इस परिस्थिति में योगी सरकार की छवि कमजोरी होगी. यह भी दलील दी जा रही है कि पार्टी को भी इसका नुकसान 2022 के विधानसभा चुनाव में हो सकता है.
क्या होगा अरविंद शर्मा का ?
इस संबंध में पार्टी के जानकारों का स्पष्ट तौर पर मानना है कि यदि मंत्रिमंडल विस्तार होता है तो अरविंद कुमार शर्मा सरकार में जरूर शामिल किए जाएंगे. अब ऐसे में सबसे बड़ा सवाल यह है कि यदि मंत्रिमंडल विस्तार होता है तो योगी अरविंद शर्मा को इससे बाहर रखने में कहां तक सफल हो पाते हैं. राजनीतिक गलियारे में यह भी चर्चा है कि अरविंद शर्मा को यदि मंत्रिमंडल में शामिल किया जाता है तो उनका कद और पद कितना महत्वपूर्ण होगा. इन सब अटकलों के बीच सीएम योगी आदित्यनाथ दिल्ली में हैं. वह केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के साथ मुलाकात कर चुके हैं और शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के साथ मुलाकात तय है. ऐसे में राजनीतिक गलियारे में चर्चा का दौर गरम है. 2022 के रास्ते ही 2024 की मंजिल तक पहुंचा जा सकता है. अब देखना है कि भाजपा इसमें कितना सफल होती है.