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निजी विश्वविद्यालयों व उच्च शिक्षण संस्थान समूहों को निवेश के लिए सीएम ने दिया आमंत्रण, कही यह बातें

राजधानी में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि 2017 से पूर्व प्रदेश में सिर्फ 12 मेडिकल कॉलेज थे, विगत 06 वर्षों के प्रयास के बाद आज 45 जिलों में सरकारी मेडिकल कालेज संचालित हैं.

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Published : Jul 20, 2023, 10:22 AM IST

लखनऊ : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने देश के प्रतिष्ठित निजी विश्वविद्यालयों और उच्च शिक्षण संस्थान समूहों को उत्तर प्रदेश में निवेश के लिए आमंत्रण दिया है. उन्होंने कहा है कि शिक्षा में किया गया निवेश कभी व्यर्थ नहीं जाता. यह देश और समाज का भविष्य संवारने का माध्यम है. उत्तर प्रदेश जैसी युवा आबादी वाले राज्य में शिक्षा के क्षेत्र में अनंत संभावनाएं हैं. निजी क्षेत्र को इसका लाभ उठाना चाहिए. असेवित जिलों में विश्वविद्यालयों की स्थापना करने वाले संस्थानों को सरकार हर संभव सहायता उपलब्ध कराएगी.

निवेश के लिए सीएम ने दिया आमंत्रण
निवेश के लिए सीएम ने दिया आमंत्रण


मंगलवार को दक्षिण भारत और मध्य भारत के प्रतिष्ठित निजी विश्वविद्यालयों तथा उच्च शिक्षण संस्थानों के कुलाधिपति, कुलपति, प्रतिकुलपति, निदेशकों, मुख्य कार्यकारी अधिकारियों व अन्य प्रतिनिधियों से संवाद करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि 'उत्तर प्रदेश देश के आध्यात्मिक और सांस्कृतिक विरासत का प्रतिनिधित्व करता है. पुरातन काल से यह प्रदेश, शिक्षा का प्रमुख केंद्र रहा है. काशी इसका सर्वोत्कृष्ट उदाहरण है. काशी, अयोध्या, मथुरा संस्कृति और सभ्यता के प्राचीन नगर रहे हैं, हालांकि बीते दशकों में शिक्षा के प्रति विमुखता का भाव देखा गया. किंतु आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश व प्रदेश में शिक्षा के प्रति एक सकारात्मक भाव जागृत हुआ है. आज प्रदेश में इंफ्रस्ट्रक्चर डेवलपमेंट और इंटर स्टेट कनेक्टिविटी बेहतर हुई है. 2017 से पूर्व प्रदेश में 12 मेडिकल कॉलेज थे, विगत 06 वर्षों के प्रयास के बाद आज 45 जिलों में सरकारी मेडिकल कालेज संचालित हैं, जबकि 16 निर्माणाधीन हैं और पीपीपी मोड पर 16 और मेडिकल कॉलेज की स्थापना हो रही है. आज प्रदेश में 22 राज्य व 03 केंद्रीय विश्वविद्यालय संचालित हैं, 03 राज्य विश्वविद्यालय निर्माणाधीन हैं, जबकि 36 निजी विश्वविद्यालय, 02 एम्स, 02 आईआईटी व आईआईएम संचालित हैं.'

निवेश के लिए सीएम ने दिया आमंत्रण

मुख्यमंत्री ने कहा कि 'दो हजार से अधिक पॉलिटेक्निक व वोकेशनल इंस्टिट्यूट भी संचालित हैं, इनकी लंबी श्रृंखला है, जो यहां के शैक्षिक परिदृश्य को मजबूत बनाती है. बावजूद इसके, अभी बहुत से जनपद ऐसे हैं, जहां कोई विश्वविद्यालय क्रियाशील नहीं हैं. स्थानीय युवाओं की आकांक्षा को दृष्टिगत रखते हुए राज्य सरकार ने निजी विश्वविद्यालयों की स्थापना को प्रोत्साहित करते हुए एक नई नीति लागू की, जिसके आशातीत परिणाम मिले हैं. अभी हाल में शाहजहांपुर, बागपत और चित्रकूट जनपद के शिक्षण संस्थानों ने अपनी रुचि दर्शायी है. निजी क्षेत्र के लिए संभावनाओं की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि कुछ लोगों के लिए यह आश्चर्यजनक हो सकता है, लेकिन यह सत्य है कि आज प्रदेश के बेसिक शिक्षा परिषद के विद्यालयों में 1.91 करोड़ बच्चे पढ़ाई कर रहे हैं. आज ही सुबह सभी के बैंक खाते में ₹1200 ट्रांसफर किये हैं. इसी तरह, इस साल 56 लाख बच्चों ने यूपी बोर्ड की परीक्षा दी. विद्यार्थियों के यह आकड़े कई राज्यों की जनसंख्या से भी अधिक है. पूर्वी उत्तर प्रदेश के किसी जिले के स्वास्थ्य केंद्र या शिक्षण संस्थान में जाएं, वहां उत्तर प्रदेश के साथ-साथ नेपाल, बिहार, छत्तीसगढ़ और उत्तराखंड के लोग भी मिलेंगे. यह स्थिति बताती है कि निजी क्षेत्र के विश्वविद्यालयों के लिए उत्तर प्रदेश में अपार संभावनाएं हैं. मुख्यमंत्री ने कहा कि जिन जिलों में कोई विश्वविद्यालय स्थापित नहीं है, वहां अपने विश्वविद्यालय स्थापित करने वाले निवेशकों को राज्य सरकार अपनी नीति के अनुरूप हर आवश्यक सहायता उपलब्ध कराएगी.'

निवेश के लिए सीएम ने दिया आमंत्रण

संवाद के दौरान मुख्यमंत्री ने प्रदेश में सस्टनेबल डेवलपमेंट की नीति की चर्चा भी की और नीति आयोग की ताजा रिपोर्ट के हवाले से कहा कि बीते 06 वर्षों में साढ़े 05 करोड़ लोगों को गरीबी के दंश से मुक्त कराया गया है. उन्होंने कहा कि शिक्षा, स्वास्थ्य, कौशल विकास और रोजगार सृजन सहित हर आवश्यक क्षेत्र में काम किया गया. नतीजा सबके सामने है. शिक्षा के क्षेत्र में निजी क्षेत्र के सहयोग से उत्तर प्रदेश नए मानक स्थापित कर सकता है. सरकार सभी निवेशकों की सुरक्षा और सम्मान सुनिश्चित करेगी.

संवाद में रही इनकी सहभागिता
- डॉ. एमआर जयराम, चेयरमैन, रमैया ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशन, कर्नाटक
- डॉ. अमित भल्ला, वाइस प्रेसिडेंट, मानव रचना एजुकेशनल इंस्टीट्यूशन, हरियाणा
- जीबी सेल्वम, वाइस प्रेसिडेंट, वीआईटी यूनिवर्सिटी, वेल्लौर
- संजीब कुमार, प्रेसिडेंट, सीबी रमन ग्लोबल यूनिवर्सिटी, ओडिशा
- डॉ. एन विशाल हेगड़े, प्रो. चांसलर, नित्ति डीम्ड यूनिवर्सिटी, कर्नाटक
- एस. सिमरप्रीत सिंह, निदेशक, जेआईएस ग्रुप एजुकेशनल इनिशिएटिव, पश्चिम बंगाल
- डॉ मोहम्मद फरहाद, कर्नाटक
- रवि वर्मा, प्रो. चांसलर, एमएनआर यूनिवर्सिटी, तेलंगाना
- ध्रुव गलगोटिया, सीईओ, गलगोटिया यूनिवर्सिटी
- अभय छबि, प्रो. चांसलर, अलायंस यूनिवर्सिटी, कर्नाटक
- नवस केएम, सीईओ, केएमसीटी ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशन, केरल
- विनीत गुप्ता, निदेशक, जेम्बोर एजुकेशनल प्रा.लिमिटेड, दिल्ली
- अमित गुप्ता, चेयरमैन, जेआईएमएस, दिल्ली
- राहुल सिंघी, निदेशक, पूर्णिमा यूनिवर्सिटी, राजस्थान
- पीएन राजदान, एडवाइजर, ईपीएसआई रमैया ग्रुप, कर्नाटक
- गुरुचरण, निदेशक, एमएस रमैया यूनिवर्सिटी ऑफ अप्लायड साइंस, कर्नाटक
- पी. पलानीवेल, एक्जीक्यूटिव सेक्रेटरी, ईपीएसआई

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