लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को कानून व्यवस्था को लेकर एक महत्वपूर्ण बैठक वीडियो काॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से की. इस बैठक में मंडल, जिला, तहसील, ब्लॉक स्तर पर तैनात पुलिस और प्रशासन से संबंधित सभी वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए. सीएम योगी आदित्यनाथ के साथ बैठक में दोनों उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और बृजेश पाठक मौजूद रहे. वहीं, मुख्य सचिव दुर्गाशंकर मिश्र, अपर मुख्य सचिव अवनीश कुमार अवस्थी सहित शासन के भी बड़े अधिकारी उपस्थित रहे.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अफसरों को दिशा-निर्देश देते हुए कहा कि कानून व्यवस्था को लेकर कोई लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी. जहां जिसकी शिथिलता पाई जाएगी उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने कहा कि आगामी पर्व व त्योहार के मद्देनजर विशेष सतर्कता बरतनी है. किसी को भी किसी भी प्रकार से उपद्रव आदि करने की इजाजत नहीं है. कुछ विषयों को लेकर मुख्यमंत्री ने अफसरों के पेंच भी कसे और चेतावनी भी दी.
सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि थानाध्यक्ष सुदृढ़ कानून व्यवस्था की मजबूत रीढ़ है. इनका चुनाव करते समय पुलिसकर्मी की दक्षता, कर्मठता, सत्यनिष्ठा की परख करें. दागी व्यक्ति को थाना की जिम्मेदारी कतई न दें. इसी प्रकार सर्किल में भी कार्यवाही की जाए. हर जनपद में बड़े माफिया की सूची तैयार हो. हर माह थाने में TOP 10 अपराधियों की लिस्ट तैयार कर प्रभावी कार्रवाई की जाए. अगर पुलिस एक्टिव रहकर सूची के अनुसार कार्रवाई करेगी तो यह सूची हर माह बदल जाएगी और एक समय बाद कोई टॉप 10 माफिया मिलेगा ही नहीं. पेशेवर माफिया व अपराधी किसी दूसरे क्षेत्र में एक्टिव है तो इसकी जानकारी मूल क्षेत्र की थाना पुलिस की होनी चाहिए. अपराधियों के विरुद्ध अभियोजन को और मजबूत करने की जरूरत है.
सीएम ने कहा कि आस्था का पूरा सम्मान है. इसमें सरकार का कोई हस्तक्षेप नहीं है, लेकिन इसका सार्वजनिक रूप से भौड़ा प्रदर्शन कर दूसरों को परेशान न किया जाए. उन्होंने कहा कि 3 मई को अक्षय तृतीया और ईद का पर्व एक साथ संभावित है. पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों की अतिरिक्त संवेदनशीलता अपेक्षित है. उन्होंने कहा कि सभी धर्मगुरुओं व प्रबुद्धजनों से संवाद बनाने का क्रम जारी रहे. लाउडस्पीकर के प्रयोग के लिए जो दिशा-निर्देश दिए गए हैं, उनका कड़ाई से अनुपालन कराया जाए. अनावश्यक रूप से लगाए गए लाउडस्पीकर तत्काल उतार लिए जाएं. नए स्थलों पर लाउडस्पीकर लगाने की अनुमति न दें.