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चीफ सेक्रेटरी ने सिंगापुर के प्रतिनिधियों के साथ बैठक की, इन एमओयू पर हुए हस्ताक्षर

लखनऊ में मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र (Chief Secretary Durga Shankar Mishra) ने बुधवार को 8 सदस्यीय सिंगापुर के प्रतिनिधिमंडल के साथ बैठक (Meeting with Singapore delegation) की.

मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र  Chief Secretary Durga Shankar Mishra  लखनऊ में सिंगापुर का प्रतिनिधिमंडल  Singapore delegation in Lucknow  सिंगापुर के प्रतिनिधियों के साथ बैठक  Meeting with Singapore delegation
मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र Chief Secretary Durga Shankar Mishra लखनऊ में सिंगापुर का प्रतिनिधिमंडल Singapore delegation in Lucknow सिंगापुर के प्रतिनिधियों के साथ बैठक Meeting with Singapore delegation

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Published : May 4, 2023, 6:47 AM IST

लखनऊ: मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र (Chief Secretary Durga Shankar Mishra) ने ईएमडी और एसआईपीओ के प्रमुख व वरिष्ठ निदेशक फ्रांसिस चोंग और एसआईपीओ के प्रमुख व निदेशक काह मेई चान के नेतृत्व में आये 8 सदस्यीय सिंगापुर के प्रतिनिधिमंडल के साथ बैठक की. बैठक में यूपी ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के दौरान आर्थिक गतिविधियों को बढ़ाने के लिए व्यापार और उद्योग मंत्रालय (एमटीआई), सिंगापुर गणराज्य सरकार और उत्तर प्रदेश सरकार के मध्य हस्ताक्षरित समझौता ज्ञापन के कार्यान्वयन पर चर्चा की गई.

मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र ने प्रतिनिधिमंडल को मुरादाबाद और सहारनपुर के आस-पास के क्षेत्रों में कौशल विकास केन्द्रों और फर्नीचर निर्माण की इकाइयों की स्थापना के लिए पता लगाने का सुझाव दिया. उन्होंने प्रतिनिधिमंडल को बताया कि सहारनपुर क्षेत्र में फर्नीचर निर्माण के लिए पहले से ही कुशल श्रमशक्ति उपलब्ध है और सहारनपुर हिमालय की तलहटी में स्थित होने के कारण लकड़ी आधारित उद्योगों के लिए कच्चे माल के रूप में अच्छी गुणवत्ता वाली लकड़ी उपलब्ध है.

बैठक के दौरान सहयोग के आपसी क्षेत्रों की पहचान के लिए संयुक्त भागीदारी समिति (जेपीसी) की संरचना और प्रमुख कार्यों पर चर्चा की गई. जेपीसी की अध्यक्षता उत्तर प्रदेश सरकार के एक वरिष्ठ मंत्री और सिंगापुर के व्यापार संबंधों के प्रभारी मंत्री करेंगे. इसमें नमामि गंगे और ग्रामीण जल आपूर्ति विभाग, औद्योगिक विकास प्राधिकरण, ऊर्जा और शहरी विकास जैसे विभागों के वरिष्ठ सरकारी अधिकारी भी शामिल होंगे. जेपीसी का मुख्य कार्य शहरी विकास, उद्योग विकास, एमएसएमई उन्नयन और कौशल विकास के क्षेत्रों में साझेदारी की संभावना का पता लगाना होगा.

लखनऊ में सिंगापुर का प्रतिनिधिमंडल (Singapore delegation in Lucknow) ने 1322 से अधिक घरों को कवर करते हुए कुढ़ा केशवपुर (अयोध्या) में सिंगापुर द्वारा शुरू की जा रही पहली पायलट परियोजना की अद्यतन प्रगति से अवगत कराया. परियोजना का उद्देश्य पेयजल आपूर्ति की स्थिरता को बढ़ाना, पीने योग्य पानी की आपूर्ति को बढ़ावा देना और जल आपूर्ति नेटवर्क की गुणवत्ता और प्रबंधन में सुधार करना है. प्रतिनिधिमंडल ने बताया कि कैपिसिटी बिल्डिंग के लिये प्रदेश के अधिकारियों के साथ स्मार्ट जल प्रबंधन में सर्वाेत्तम प्रथाओं को साझा किया गया और स्मार्ट प्रौद्योगिकियों के प्रबंधन व उपयोग में ग्रामीणों और ऑन-द-ग्राउंड अधिकारियों को शिक्षित किया गया.

पायलट परियोजना के प्रभाव का विश्लेषण व मूल्यांकन के लिये डाटा संग्रह कर एसेसमेंट रिपोर्ट जेपीसी के समक्ष प्रस्तुत की जायेगी. प्रतिनिधिमंडल ने फर्नीचर निर्माण क्षेत्र में कौशल विकास योजना पर भी चर्चा की. सिंगापुर के निवेशकों में से एक ने वहां के कर्मचारियों को प्रशिक्षित करने के लिए एसईजेड में एक कौशल विकास केंद्र स्थापित करने में रुचि दिखाई.बैठक के दौरान, सीईओ इन्वेस्ट यूपी अभिषेक प्रकाश ने यूपी ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट 2023 के दौरान सिंगापुर स्थित कंपनियों द्वारा हस्ताक्षरित समझौता ज्ञापनों के बारे में जानकारी दी और परियोजनाओं के कार्यान्वयन में तेजी लाने के लिए सभी कंपनियों को सहयोग के लिये आश्वस्त किया.


कैनकिड्स संस्था से MoU, कैंसर से जूझते मासूमों को मिलेगी मदद:उत्तर प्रदेश में अब कैंसर से जूझ रहे बच्चों को इलाज के लिए परेशान नहीं होना पड़ेगा. बच्चों में कैंसर की पहचान के लिए डॉक्टरों को प्रशिक्षित करने से लेकर अस्पतालों में जांच, दवाओं और इलाज के लिए कैनकिड्स संस्था मदद करेगी.मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्रा की उपस्थिति में मिशन निदेशक, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन अपर्णा उपाध्याय एवं कैनकिड्स संस्था की चेयरमेन डॉ. पूनम बगाई ने एमओयू पर हस्ताक्षर किये.

कैनकिड्स संस्था के सहयोग से बच्चों में कैंसर की पहचान, टेस्ट और ट्रीटमेंट की व्यवस्था की जाएगी. मुख्य सचिव ने बताया कि उत्तर प्रदेश में प्रति वर्ष 19 वर्ष से कम उम्र के लगभग 14,800 बच्चे कैंसर से पीड़ित होते हैं, यह पूरे देश के कैंसर पीडित बच्चों का 20 प्रतिशत एवं पूरे विश्व के कैंसर ग्रसित बच्चों का लगभग 4 प्रतिशत है. उन्होंने कहा कि सरकार का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि बच्चों में होने वाले कैंसर जैसे असाध्य रोग का प्रारम्भिक अवस्था में ही निदान हो जाये और पीड़ित बच्चों और उन बच्चों के परिवारों को देखभाल की सर्वाेत्तम सुविधा प्राप्त हो सके.

उचित ज्ञान और सही मार्गदर्शन से लाभार्थियों को यह जानकारी हो कि बच्चों के कैंसर के उपचार हेतु कहां जाना है, इससे समय पर निदान, उपचार एवं निरंतर देखभाल से बच्चों की जीवितता और विकास में मदद मिलेगी.कैनकिड्स की संस्थापक पूनम बगाई ने बताया कि हमारा उद्देश्य बच्चों में कैंसर (पीडियाट्रिक कैंसर) की जल्दी पहचान और उपचार की सुविधाएं आसानी से मुहैया कराना है. इसके लिए कैंसर पीडित बच्चे के लिए हर स्तर पर इलाज में संस्था मदद करेगी.

आयुष्मान योजना, आर.बी.एस.के. प्रोग्राम जैसी सरकारी योजनाओं से इलाज की व्यवस्था की जाएगी. यदि किसी बच्चे की जांच, दवाओं और इलाज के लिए सरकारी अस्पतालों में और योजनाओं में व्यवस्था नहीं है, तो संस्था अपने संसाधनों से व्यवस्था कराएगी. अस्पतालों में पीडियाट्रिक कैंसर को लेकर सुविधाएं नहीं हैं, उनका गैप एनालिसिस कर एन.एच.एम. को रिपोर्ट भेजी जाएगी, ताकि उस कमी को दूर किया जा सके.

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