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प्रदेश में कोरोना पर भारी पड़ी छठ पर्व की आस्था

उत्तर प्रदेश में छठ महापर्व बड़े ही धूमधाम से मनाया जा रहा है. सरकार की ओर से जारी कोरोना गाइडलाइन के अनुसार घाटों पर पहुंचकर छठी मैया की पूजा-अर्चना कर रहे हैं. वहीं प्रदेश के हर जिले के घाटों पर जिला प्रशासन की ओर से चाक-चौबंद व्यवस्था की गई है.

छठ पूजा.
छठ पूजा.

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Published : Nov 21, 2020, 3:26 AM IST

Updated : Nov 21, 2020, 4:13 AM IST

लखनऊःप्रदेश में कोरोना संक्रमण के बाद भी श्रद्धालुओं में छठ महापर्व की आस्था कम नहीं हुई है.राजधानी लखनऊ में छठ का महापर्व को लेकर जमकर उत्साह है. लखनऊ के लक्ष्मण मेला की गोमती घाट पर शुक्रवार को हजारों की संख्या में महिला श्रद्धालु पहुंची और कोरोना गाइड लाइन का पालन करते हुए छठ की पूजा की. लखनऊ में लक्ष्मण मेला मैदान पुलिस और प्रशासन की तरफ से विशेष इंतजाम किए गए थे. सोशल डिस्टेंसिंग के साथ-साथ सिविल डिफेंस की तरफ से सबको मास्क भी दिया गया. राजधानी लखनऊ में छठ के महापर्व के मौके पर आज लक्ष्मण मेला मैदान पर खूब ढोल नगाड़ा बजाया गया .वहीं ढोल नगाड़ों की धुन पर महिला श्रद्धालुओं ने पूरे उत्साह के साथ डांस किया. इस दौरान श्रद्धालुओं में कोरोना वायरस का खौफ नहीं दिखा.

लखनऊ में छठ पूजा.

छठी मैया ने सुनी पुकार, 6 साल बाद दंपत्ति को हुआ संतान

वाराणसी में छठ पूजा.


वाराणसीः जिले के अस्सी क्षेत्र की रहने वाली निशा तिवारी का विवाह बिहार के शिक्षक पद पर कार्य कर रहे हिमांशु गौतम से आज से 6 वर्ष पूर्व हुआ था. विवाह के 6 वर्ष बाद भी संतान प्राप्ति न होने पर दंपत्ति काफी परेशान थे. परिवार वालों के कहने पर पिछले वर्ष निशा तिवारी ने काशी अपने मायके आकर छठ के इस महापर्व में हिस्सा लिया और मां से अपनी गोद भरने का प्रार्थना किया. छठी मां की पुकार सुन लिया और वर्ष बीतने तक उन्हें पुत्र की प्राप्ति हुई.निशा तिवारी ने बताया हम लोग के परिवार में शुरू से डाला छठ का महापर्व होता आया है. लेकिन पिछले 2 साल से हमारे मायके में भी यह पूजा हम लोग कर रहे हैं. पिछले साल मैंने छठ पूजन किया था. छठ मैया ने मेरी सुन ली. मेरी सुनी गोद को भर दिया. इस साल मेरी दीदी पूजन कर रही हैं. छोटा बाबू होने की वजह से डॉक्टर ने मना किया है. अगले साल से छठ पूजा और ही धूमधाम से करूंगी.

बहराइच में सोशल डिस्टेंसिंग के साथ हुई डाला छठ पूजा

बहराइच में छठ पूजा करते श्रद्धालु.


बहराइचः इस बार डाला छठ पर्व पर भी कोविड-19 की काली छाया का प्रभाव रहा. हालातों के मद्देनजर महिलाओं ने सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए इस पर्व को निभाने की परंपरा पूरी की. इस दौरान मेला परिसर में भारी पैमाने पर सुहागिन महिलाओं की भीड़ रही. डाला छठ अस्तांचल उदयाचल सूर्य की पूजा के साथ शुरू और समाप्त होता है. महिलाओं की ओर से निराजल व्रत रखा जाता है. सूप तथा डलिया में पूजन सामग्री रखकर महिलाओं ने परंपरागत पूजा की. इस दौरान उनकी सिंदूर लगाने की प्रथा आकर्षण का केंद्र रही. महिलाओं ने निर्जला व्रत रखकर पारंपरिक ढंग से पूजा अर्चना कर पति के दीर्घायु होने की कामना की. जिले के दर्जनों घाटों और तालाबों के तट पर डाला छठ पूजा पर्व मनाया गया.

पीएसी सेनानायक ने सोशल डिस्टेंसिग के साथ बीहड़ी क्षेत्र में की छठ पूजा

इटावा में पीएसी सेनानायक ने की छठ पूजा.


इटावाः जिले के जसवंतनगर में दो दिवसीय छठ पूजा को लेकर कचौरा के यमुना घाट पर पीएसी28 वीं बटालियन के सेनानायक ने परिवार के साथ रामलला मंदिर पर पूजा अर्चना की. बलरई क्षेत्र से गुजरने वाली यमुना नदी घाट पर शाम को पीएसी 28 वीं बटालियन के सेनानायक हिमांशु कुमार परिवार समेत पहुंचे और घाट पर अपने परिजनों के साथ विधि विधान से छठ पूजा की. बीहड़ी क्षेत्र होने तथा सुरक्षा की दृष्टि से चारो ओर पीएसी के जवान तैनात रहे. सेनानायक ने बताया यह उनका व्यक्तिगत कार्यक्रम है और वह परिवार के साथ छठ पूजा के लिए आए हैं. यमुना का बीहड़ होने की वजह से सुरक्षा की दृष्टि से पीएसी के जवानों को तैनात किया गया है.

फर्रूखाबाद में अस्ताचलगामी सूर्य को दिया आस्था का अर्घ्य

फर्रूखाबाद में छठ पूजा.


फर्रूखाबादः जिले में छठ पूजा को लेकर इस बार पांचाल घाट तट पर प्रशासन की ओर से बेहतर व्यवस्थाएं की गई. यहां पहले ही सफाई करा दी गई थी. शुक्रवार शाम को छठ पूजा करने वाले श्रद्धालु जन पहुंचे और डूबते हुए सूर्य को जल दिया. शनिवार को उगते हुए सूर्य को जल देने के साथ छठ पूजा का यह व्रत पूर्ण होगा. व्रती महिलाएं मंगल गीत गाते हुए गंगा घाट तक गईं. वेदी पर दीप जलाया, पूजन सामग्री चढ़ाई और पांच गन्ने का समूह पानी में स्थापित किया.

बाराबंकी में भी दिखी डाला छठ की धूम

बाराबंकी में छठ पूजा करते श्रद्धालु.


बाराबंकीः बिहार, झारखंड और यूपी के पूर्वांचल के महापर्व डाला छठ की धूम बाराबंकी में भी नजर आई.लोक आस्था के इस महापर्व के तीसरे दिन व्रत रखने वाली महिलाओं ने लगातार 36 घण्टे का व्रत रखते हुए शाम को शहर के पौराणिक नागेश्वर नाथ धाम के सरोवर में अस्त होते सूर्य को अर्घ्य देते हुए छठ मैया की पूजा अर्चना की. श्रद्धालुओं की भीड़ को देखते हुए किसी भी अनहोनी से निपटने के लिए भारी पुलिस बल तैनात रहा. इस बार कोरोना संक्रमण को देखते हुए पिछले वर्षों जैसी धूम नजर नहीं आई.

व्रतियों और श्रद्धालुओं ने छठी मईया से मांगी सुख-समृद्धि

चंदौली में छठ पूजा करते श्रद्धालु.

चंदौलीःआस्था के महापर्व डाला छठ पूजा के दौरान कोरोना पर आस्था भारी पड़ती दिखाई दी. चन्दौली के दीनदयाल नगर में स्थित मानसरोवर तालाब पर हजारों को संख्या में श्रद्धालु जुटे. यहां पर मौजूद हजारो की तादात में व्रती महिलाओं ने अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य दिया. व्रती महिलाओं और उनके परिजनों ने डाला छठ की पूजा की और अपनी सुख-समृद्धि की कामना के साथ कोरोना की समाप्ति की भी कामना की. दीनदयाल नगर स्थित मानसरोवर तालाब पर पूरे आस्था और सम्मान के साथ डाला छठ का पर्व मनाया गया. इस दौरान हजारों की संख्या में व्रती महिला व श्रद्धालु तालाब पर पहुँची और अस्ताचलगामी सूर्य की अर्घ्य दिया.

लोहता के तालाबों पर उमड़ा आस्था का सैलाब

वाराणसी में छठ पूजा करते श्रद्धालु.


वाराणासीः जनपद लोहता क्षेत्र में भगवान भाष्कर के महापर्व डाला छठ पर श्रद्धा और तप का निराजल व्रत रखी लाखों महिलाएं शुक्रवार को दोपहर बाद गाजे-बाजे के साथ लोहता स्थित भट्ठी गांव में शांति सरोवर व भरथरा तालाब व पिसौर नदी पर पहुंची. वर्ती महिलाएं सूर्य की उपासना के लिए घंटों पानी में खड़ी रहीं और अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य दिया. इस दौरान छठ मैया के जयकारें से पूरा क्षेत्र गूंज उठा. वाराणसी वही घाटों पर तिल रखने भर के लिए भी जगह नहीं बची थी. इस दौरान सुरक्षा की दृष्टि से लोहता पुलिस तालाबो पर मौजूद रही.

Last Updated : Nov 21, 2020, 4:13 AM IST

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