लखनऊ:सीबीआई के विशेष जज प्रदीप सिंह ने लखीमपुर खीरी के निघासन थाना परिसर में नाबालिग की हत्या के मामले में सिपाही अतीक अहमद को उम्रकैद की सजा सुनाई है. कोर्ट ने अभियुक्त को हत्या के मामले में उम्रकैद व 80 हजार रुपये जुर्माना, जबकि साक्ष्य मिटाने में पांच साल व 20 हजार रुपये के जुर्माने से दंडित किया है. इसके साथ ही साक्ष्य मिटाने के दोषी तत्कालीन सीओ इनायत उल्लाह खां को भी पांच साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई है. कोर्ट ने उस पर भी 50 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है.
सीबीआई की विशेष अदालत ने 24 फरवरी को दोनों अभियुक्तों को दोषी करार दिया था, जबकि साक्ष्य के अभाव में इस मामले के दो अन्य आरोपी सिपाही शिवकुमार व उमाशंकर को बरी कर दिया था. बरी किए गए सिपाहियों के वकील बीडी मिश्रा के मुताबिक अदालत ने इन दोंनो के बंधपत्र व प्रतिभूति उन्मोचित कर दिए हैं.
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सीबीआई के लोक अभियोजक दीप नारायन के मुताबिक पहले इस मामले की जांच सीबीसीआईडी कर रही थी. सीबीसीआईडी ने अपनी जांच के बाद लखीमपुर खीरी की अदालत में निघासन के तत्कालीन सीओ इनायत उल्लाह खां को छोड़कर अन्य अभियुक्तों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया था, लेकिन बाद में सीबीआई ने अपनी जांच में सीओ के गनर रहे अतीक के खिलाफ सिर्फ हत्या व साक्ष्य मिटाने का ही आरोप पाया. साथ ही सीओ इनायत उल्लाह खां के खिलाफ भी साक्ष्य छिपाने का आरोप पाया.