लखनऊ:मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ आज शाम 7 बजे राज्यपाल आनंदीबेन पटेल से मुलाकात के लिए राजभवन (governor house) पहुंचे. दोनों के बीच करीब 50 मिनट तक हुई बैठक में कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा हुई. हालांकि, सरकार और राजभवन की तरफ से इसे शिष्टाचार भेंट बताई गई. मुख्यमंत्री ने राज्यपाल को 'श्रीविष्णु और उनके अवतार' नामक एक पुस्तक भी भेंट की. आज ही राज्यपाल आनंदीबेन पटेल के पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार भोपाल से लखनऊ आने को लेकर योगी मंत्रिमंडल के विस्तार से जोड़ने की चर्चाओं के बीच सियासी पारा भी चढ़ गया. इसे लोग मंत्रिमंडल विस्तार (cabinet expansion) से भी जोड़कर देख रहे हैं.
पूर्वांचल के दौरे से आए और राजभवन पहुंचे सीएम
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ आज शाम पूर्वांचल के दौरे से वापस आने पर सीधे राजभवन पहुंचे. जहां राज्यपाल के साथ कई महत्वपूर्ण विषयों पर उन्होंने चर्चा की. वहीं, आधिकारिक सूत्रों की मानें तो यह एक रुटीन शिष्टाचार भेंट थी. प्रदेश में कोविड-19 के नियंत्रण और मुख्यमंत्री के दौरे के दौरान जो फीडबैक मिला उसकी रिपोर्ट राज्यपाल आनंदीबेन पटेल को देने को लेकर सीएम योगी राजभवन पहुंचे थे.
दूसरे मंत्रिमंडल विस्तार के लिए इतने पद हैं खाली
उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ के सरकार गठन के बाद 22 अगस्त 2019 को मंत्रिमंडल का विस्तार हुआ था. इसके बाद कोरोना की पहली लहर में तीन मंत्रियों का निधन हो गया था. वहीं, इस बार राज्य मंत्री विजय कुमार कश्यप की मौत हुई है. इस प्रकार चार मंत्री पद पहले से ही खाली चल रहे हैं. सरकार में कैबिनेट मंत्रियों की अधिकतम संख्या 60 हो सकती है, लेकिन वर्तमान समय में 23 कैबिनेट मंत्री, 22 राज्य मंत्री और 9 स्वतंत्र प्रभार मंत्री हैं. इस प्रकार छह मंत्री पद अभी भी खाली हैं, जिन्हें पूरा किया जा सकता है.
पढ़ें:बेसिक शिक्षा मंत्री के भाई ने बढ़ाई योगी सरकार की मुश्किलें, मंत्री की बर्खास्तगी पर अड़ी कांग्रेस
मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर तैयारियां शुरू
उत्तर प्रदेश मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर जहां तैयारियां शुरू हो गई हैं, वहीं आज शाम राज्यपाल आनंदीबेन पटेल से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मुलाकात की बात सामने आ रही है. वहीं, सूत्रों के हवाले से यह कहा जा रहा है कि प्रदेश को एक और उप मुख्यमंत्री मिलने की संभावना जताई जा रही है. क्योंकि पूर्व आईएएस और भाजपा एमएलसी एके शर्मा भाजपा के उपमुख्यमंत्री हो सकते हैं. यह भी कयास लगाए जा रहे हैं कि उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य को उत्तर प्रदेश भाजपा की कमान सौंपी जा सकती है.
कोविड को लेकर सीएम योगी ने दी रिपोर्ट
राज्यपाल से मुलाकात के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कोरोना संक्रमण रोकने के लिए राज्य सरकार की तरफ से उठाए गए कदम और प्रदेश के सभी मंडलों का दौरा करके वास्तविक यथा स्थिति की रिपोर्ट सौंपी.
प्रदेश के हालात की बताई स्थिति
प्रदेश में जिस तरीके से कोरोना ने हाहाकार मचाया उसको लेकर सरकार विपक्ष के निशाने पर आ गई थी. इसके बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सभी मंडलों का दौरा करके वास्तविक रिपोर्ट और स्वास्थ्य व्यवस्था को बेहतर करने के लिए दौरे शुरू किए और जमीनी हकीकत समझने की कोशिश की. साथ ही तीसरी लहर से निपटने के लिए पहले से तैयारी करने के लिए सभी जिलों को निर्देश दिए, इस सबकी जानकारी उन्होंने राज्यपाल को दी.
मंत्रिमंडल विस्तार की अटकलें भी तेज
उत्तर प्रदेश की सियासत में एक और बड़ी खबर बड़ी तेजी से सामने आई. सियासी गलियारों में यह चर्चा तेजी से चल रही है कि उत्तर प्रदेश की योगी सरकार में तीसरा मंत्रिमंडल विस्तार होगा. इसको लेकर भी राजनीतिक गलियारों में चर्चा बड़ी तेजी से होने लगी है. इसके पीछे की सबसे बड़ी वजह प्रधानमंत्री के खास पूर्व नौकरशाह एवं हाल ही एमएलसी बनाए गए एके शर्मा को उत्तर प्रदेश में डिप्टी सीएम बनाए जाने से जोड़कर भी देखा जा रहा है. वहीं, एक डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य को फिर से प्रदेश भाजपा संगठन की जिम्मेदारी दी जा सकती है.
संगठन में भी फेरबदल की चर्चा
संगठन की जिम्मेदारी संभाल रहे प्रदेश अध्य्क्ष स्वतंत्र देव सिंह को सरकार में फिर से लाया जा सकता है. इससे पूर्व भी स्वतंत्र देव सिंह योगी सरकार में मंत्री रह चुके थे, लेकिन उनको पिछले साल संगठन की जिम्मेदारी सौंपी गई थी. यह पूरा घटनाक्रम पंचायत चुनाव में भाजपा की हार और 2022 के विधानसभा चुनाव को लेकर कील-काटें दुरस्त किए जा रहें हैं. 2022 के विधानसभा चुनाव को देखते हुए राजनीतिक व सामाजिक समीकरण को दुरुस्त करते हुए कई नॉन परफॉर्मर मंत्रियों को हटाने और कई नए चेहरों को मंत्रिमंडल में शामिल करने की चर्चा भी हो रही है.
एके शर्मा को डिप्टी सीएम बनाने और कई की छुट्टी करने की भी कयावद
सबसे बड़ी चर्चा एके शर्मा को लेकर हो रही है कि अगर उनको डिप्टी सीएम बनाया जाता है तो फिर किस विभाग की जिम्मेदारी दी जाएगी, क्योंकि यह अगर डिप्टी सीएम बनेंगे तो उनको कौन सा महत्वपूर्ण मंत्रालय दिया जाएगा. इसको लेकर योगी खेमे में भी नाराजगी है. पिछले दिनों कोरोना को लेकर प्रधानमंत्री ने बनारस की जिम्मेदारी भी एके शर्मा को दी थी. उसके बाद से यह तय हो गया था कि आने वाले दिनों में यूपी की सियासत में बड़ा बदलाव हो सकता है. इस बात को और बल मिला, जब कोरोना की स्थिति में बनारस में सुधार हुआ तो बनारस मॉडल की चर्चा और तेज होने लगी. खुद पीएम मोदी ने बनारस मॉडल की तारीफ की और यूपी में संक्रमण रोकने के लिए बनारस मॉडल को अंदरखाने लागू करने की चर्चा से भी जोड़कर देखा जा रहा है.