लखनऊ: कहते हैं कि इश्क किसे, कब और कहां हो जाए कुछ नहीं कहा सकता है, ऐसे में आज के समय में मिस्ड कॉल से प्यार की शुरुआत हो जाना सामान्य सी बात है. मामला लखनऊ फैमिली कोर्ट से सामने आया है, जिसमें एक मिस कॉल पर लड़का-लड़की को प्यार हो गया. अधिवक्ता से मिली जानकारी के मुताबिक दोनों में प्यार हुआ, इजहार हुआ और फिर दोनों ने कोर्ट मैरिज कर ली. 12 साल तक इस बात की खबर दोनों के परिवार को नहीं हुई. बाद में जब लड़का जॉब में सेटल हो गया और लड़के के घरवाले ने शादी के लिए कहा उस समय दोनों के घरवालों को यह बात पता चली.
फैमिली कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता सिद्धांत कुमार ने बताया कि लड़का मऊ का रहने वाला था और लड़की देवरिया की. लड़की गांव की रहने वाली थी, दोनों की आपसी सहमति से कोर्ट मैरिज हुई थी. यह लव स्टोरी एक मिस कॉल से शुरू हुई थी, जहां लड़की का मिस कॉल लड़के के पास गया. लड़के ने कॉल बैक किया और दोनों में बात शुरू हो गई. दिन-ब-दिन यह सिलसिला आगे बढ़ता गया और दोनों में गहरी दोस्ती हो गई.
हाय रे इश्क! एक Missed call पर प्यार फिर इजहार और शादी...मगर ये क्या हुआ
लखनऊ में मिस्ड कॉल से प्यार की शुरुआत होने के बाद लड़का-लड़की ने कोर्ट मैरिज की. जिसका पता चलने पर दोनों के परिजन लखनऊ फैमिली कोर्ट पहुंचे. 12 साल तक लव मैरिज की खबर दोनों के परिवार को नहीं हुई. केस लड़ने वाले वकील ने कहा कि इस तरह के केस में हम इमोशनली अटैच हो जाते हैं.
देखते ही देखते दोस्ती कब प्यार में बदल गई दोनों को पता नहीं चला. फिर दोनों ने आपसी सहमति से कोर्ट मैरिज कर ली. इस तरह से लड़की का लड़के के घर आना जाना लगा रहा. 5-6 साल इसी तरह सिलसिला चलता रहा. लड़के की जॉब लग गई और फिर लड़की के फैमिली ने लड़के पर शादी का दबाव बनाया. उस समय दोनों के परिवार को पता चला कि दोनों ने कोर्ट मैरिज कर ली है.
अधिवक्ता ने बताया कि वैसे तो कानून में सीधे तौर पर इस बात का जिक्र है कि अगर लड़का लड़की राजी हैं तो दोनों आपसी सहमति से शादी कर सकते हैं. यह उनकी व्यक्तिगत स्वतंत्रता है, लेकिन लड़की के फैमिली ने पता लगने पर लड़के पर एफआईआर दर्ज कराया. इसमें कारण दिया कि लड़के ने लड़की को बहला-फुसलाकर शादी की है. जब लड़की के घरवालों ने लड़के पर आरोप लगाया उस समय लड़के के घरवाले भड़क गए और मामला फैमिली कोर्ट तक पहुंच गया. इसमें इमोशनल करने वाली बात यह है कि लड़का-लड़की अलग नहीं होना चाहते हैं, लेकिन दोनों के परिवार दोनों को अलग करना चाहते हैं और हुआ भी ऐसा ही.
अधिवक्ता सिद्धांत ने कहा कि लड़के ने जब मुझे यह पूरी स्टोरी बताई तो मुझे काफी शॉक लगा. लड़के ने यह भी कहा कि मैं और लड़की साथ रहना चाहते हैं. लेकिन परिवार का दबाव ज्यादा है. हम चाह कर भी एक साथ नहीं रह सकते. जब भी फैमिली कोर्ट में तारीख लगती है और दोनों आमने-सामने आते हैं तो दोनों की आंखों में आंसू होते हैं और नम आंखों से एक दूसरे को देखते रहते हैं, जबकि दोनों की फैमिली एक-दूसरे की फैमिली के ऊपर आरोप-प्रत्यारोप लगाते रहते हैं.
अधिवक्ता ने बताया कि वैसे तो फैमिली कोर्ट में तमाम केस आते हैं, लेकिन कुछ केस ऐसे आते हैं जो थोड़ा अलग होते हैं. इस तरह की केस में हम इमोशनली अटैच हो जाते हैं. जिसकी केस स्टडी करते हुए और केस को लड़ते हुए हमने ये जाना कि दोनों एक ही जात के और दोनों यूपी के हैं. फैमिली चाहती तो दोनों का घर संसार बस सकता था. दुखद है कि दोनों की फैमिली ने बसने नहीं दिया. अधिवक्ता ने कहा कि हमेशा बच्चे ही गलत नहीं होते हैं कई बार गलतियां मां-बाप भी कर बैठते हैं.
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