लखनऊ : भाजपा और उसके सहयोगी दलों से जुड़े नेताओं के लिए अभी इंतजार और लंबा हो जाएगा. मंत्रिमंडल विस्तार, संगठन में बदलाव और बोर्डों और आयोगों में नए पदाधिकारी की नियुक्ति लंबे समय से अटकी हुई है. 15 दिसंबर के बाद एक माह का खरमास शुरू हो जाएगा. जिससे भाजपा अपनी परंपरा के हिसाब से कोई नया बदलाव नहीं करेगी. ऐसे में इंतजार और लंबा हो जाएगा. सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर के लिए सबसे ज्यादा संकट भरा समय है. उन्होंने लंबे समय से यह दावा किया हुआ है कि वह मंत्री बनेंगे, मगर अब तक इसके कोई संकेत नहीं नजर आ रहे हैं.
दूसरी ओर 100 के करीब ऐसे नेता हैं जो आयोग और बोर्डों में पदाधिकारी बनना चाहते हैं. पिछले करीब एक साल से यह सभी पदाधिकारी अपने-अपने नियुक्ति पत्र का इंतजार कर रहे हैं, लेकिन सरकार और संगठन के स्तर पर इसका पूरा फैसला नहीं हो पा रहा है. उम्मीद की जा रही थी कि अच्छे दिनों में यह काम हो जाएगा, मगर अब खरमास आने को है. ऐसे में नियुक्ति की कोई उम्मीद नहीं नजर आ रही. सबसे अधिक नेता इन्हीं पदों के लिए संघर्षरत हैं. जिनकी नाउम्मीदी बढ़ती जा रही है.