लखनऊःभारतीय जनता पार्टी निकाय चुनाव में 1300 में 300 पदों पर मुस्लिम प्रत्याशियों को खड़ा करने की तैयारी कर रही है. इसमें पसमांदा समाज के मुसलमानों की संख्या ज्यादा हो सकती है. जिन सीटों पर मुस्लिम बाहुल्य इलाके शामिल हैं, वहां अल्पसंख्यक मोर्चे के सहयोग से भारतीय जनता पार्टी अपने कार्यकर्ताओं को चुनाव लड़ाएगी. इस तरह के प्रयोग भाजपा जम्मू-कश्मीर और मध्यप्रदेश में करके काफी सफलता हासिल कर चुकी है.
उत्तर प्रदेश में अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों को अपने निकट लाकर भारतीय जनता पार्टी लोकसभा चुनाव 2024 में 75 प्लस की अपने टारगेट को पूरा करना चाह रही है. इसको लेकर अलग-अलग अभियान चलाए जा रहे हैं. भारतीय जनता पार्टी में सूफी सम्मेलन करवाएं. इसके अलावा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मन की बात को पुस्तक के रूप में प्रकाशित करवाया. यह पुस्तक उर्दू में है, जिसको मदरसों में वितरित किया जा रहा.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुनकरों के लिए विशेष योजनाओं की घोषणा की है. इसका प्रचार अल्पसंख्यक मोर्चा जमकर कर रहा है. लोकसभा चुनाव में अगर भारतीय जनता पार्टी को मुसलमानों का 10 से 15 फीसदी वोट मिल गया तो निश्चित तौर पर भाजपा बड़ी जीत दर्ज करेगी. एक सर्वे के मुताबिक विधानसभा चुनाव 2022 में भाजपा को मुसलमानों का 8% वोट मिला था. भाजपा इस प्रतिशत को दोगुना करने की कोशिश कर रही है, जिसमें यह मुस्लिम नेता जो कि पार्षद बन जाएंगे तो भाजपा के लोकसभा चुनाव में काम आएंगे.