लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नायक अवतार से यूपी ब्यूरोक्रेसी के अफसरों में खलबली मची हुई है. योगी सरकार में जिस प्रकार से अफसरों पर कार्रवाई हो रही है, उससे कई अधिकारी डरे हुए हैं. मौजूदा समय में ऊर्जा विभाग के पीएफ घोटाले में पूर्व एमडी एपी मिश्र समेत दो अन्य अधिकारियों की गिरफ्तारी के बाद अब आईएएस अफसर पर भी गाज गिरती हुई नजर आ रही है.
UPPCL के पूर्व चेयरमैन संजय अग्रवाल जो कि इस समय केंद्र में तैनात हैं, उन पर भी गाज गिर सकती है. ऊर्जा विभाग के पीएफ घोटाले की नींव रखी जाने से लेकर पैसे के स्थानांतरण की शुरुआत संजय अग्रवाल के चेयरमैन रहते हुई. इस जांच की आंच इससे जुड़े पूर्व के साथ मौजूद आईएएस अफसरों पर भी आएगी.
आईएएस अफसरों पर भी गिर सकती है गाज. UPPCL के 136 इंजीनियरों और बाबुओं पर आय से अधिक मामले में जांच
दरअसल, ऊर्जा विभाग के राजनीतिक मुखिया योगी सरकार के कैबिनेट मंत्री श्रीकांत शर्मा है. श्रीकांत शर्मा लगातर अधिकारियों और इंजीनियरों के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश दे रहे हैं. 136 इंजीनियरों के खिलाफ आय से अधिक मामले में जांच चल रही है. पीके गुप्ता जीएम वित्त (निलंबित), पूर्व निदेशक यूपीपीसीएल सुधांशु द्विवेदी (गत 29 जून को रिटायर) जेल में हैं और ईओडब्ल्यू की तीन दिन की रिमांड पर हैं. ऊर्जा मंत्री के इस रवैये से विभागीय अधिकारियों में नाराजगी है.
अधिकारियों को पसंद नहीं आ रहा हस्तक्षेप
बिजली विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि मंत्री हर काम में अड़ंगा लगाते हैं. गहराई से तहकीकात करते हैं. अधिकारियों को यह पसंद नहीं है. अधिकारी अपने मन के मुताबिक चीजें नहीं कर पा रहे हैं.
पूर्व ही नहीं वर्तमान अधिकारियों पर भी कसेगा शिकंजा
UPPCL के जिस घोटाले पर बवाल मचा हुआ है, उससे कैबिनेट का सीधा जुड़ाव नहीं है. वह ट्रस्ट खुद से फैसला ले सकती है. यही हुआ भी. तत्कालीन जिम्मेदार अधिकारियों ने जो इस ट्रस्ट में थे, फैसला लिया. जब डीएचएफएल में निवेश का फैसला भी उसी वक्त हुआ. पीएफ के पैसे को दीवान हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड (डीएचएफएल) में निवेश करने के लिए जिस बैठक में निर्णय लिया गया, उसमें बतौर चेयरमैन संजय अग्रवाल (आईएएस), एमडी एपी मिश्रा, निदेशक वित्त सुधांशु द्विवेदी, निदेशक कार्मिक प्रबंधन एवं प्रशासन सत्य प्रकाश पांडे और सचिव प्रवीण कुमार गुप्ता शामिल थे.
इन सभी अधिकारियों पर कार्रवाई की तलवार लटक रही है. जानकार बताते हैं ऐसा नहीं है कि उन्हीं पूर्व अधिकारियों पर ही कार्रवाई होगी. राजनीतिक रूप से आरोपों का सामना कर रहे मंत्री श्रीकांत शर्मा वर्तमान जिम्मेदारों से भी खासा नाराज बताए जा रहे हैं. इसलिए वह किसी भी अधिकारी के बचाव के मूड़ में नहीं हैं. दरअसल, कहा जा रहा है कि पूर्व सरकार में लिए गए निर्णय को आगे बढ़ाने में इन्हीं अधिकारियों का हाथ है.
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जल्द वापस आएगा पीएफ का डीएचएफएल को गया पैसा
आपको बता दें कि दीवान हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड (डीएचएफएल) में निवेश की गई रकम वापस लाने की कवायद तेज हो गई है. सूत्रों का कहना है कि डीएचएफएल ने साफ तौर पर पैसे देने को लेकर अपनी सहमति जताई है. उसने उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन को इस संबंध में पत्र भी लिख रखा है. कोर्ट की रोक की वजह से धनराशि वापस नहीं आ पा रही है, लेकिन विभागीय लोगों का कहना है कि बहुत जल्द ही वह सारी रकम वापस आ जाएगी.
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यादव परिवार के करीबी पूर्व एमडी गिरफ्तार
घोटाले में UPPCLके पूर्व एमडी एपी मिश्र को गिरफ्तार किया गया है. वह सूबे के सबसे बड़े राजनीतिक यादव परिवार के बेहद करीबी बताए जा रहे हैं. एक इंजीनियर के रूप में यूपीपीसीएल का एमडी बनकर एपी मिश्र ने विभाग में नया इतिहास रचा था. अखिलेश सरकार में उन्हें सेवा विस्तार मिलना इस बात को और भी पुख्ता करता है. शायद यही वजह है श्रीकांत शर्मा ने बाकायदा इस संबंध में बयान जारी कर कहा कि अखिलेश यादव प्रेस कॉन्फ्रेंस करके अपने करीबी को बचाने का प्रयास कर रहे हैं.
विपक्ष के निशाने पर सरकार
सरकार भले ही इस पूरे भ्रष्टाचार का ठीकरा पूर्ववर्ती सपा सरकार और अधिकारियों पर फोड़ रही है, लेकिन विपक्ष सरकार को घेरने में कोई कसर नहीं छोड़ रहा. विपक्ष लगातार सरकार को इस मामले में घेर रही है.