लखनऊ:आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद और उत्तर प्रदेश के प्रभारी संजय सिंह ने सीएम योगी आदित्यनाथ पर जातिवाद की राजनीति को बढ़ावा देने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि यूपी सरकार में 39 जिलों में 46 अधिकारी ठाकुर हैं. उनका कहना है कि योगी सरकार में ठाकुरों का सम्मान और अन्य जातियों का अपमान किया जा रहा है.
प्रेस कॉन्फ्रेंस करते आप सांसद संजय सिंह. संजय सिंह का योगी सरकार पर गंभीर आरोप
आम आदमी पार्टी कार्यालय में रविवार को आयोजित राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ पर गंभीर आरोप लगाए हैं. सांसद का कहना है कि उन्होंने उत्तर प्रदेश में एक सर्वे कराया था, जिसमें लोगों से पूछा गया था कि योगी सरकार जातिवादी है या नहीं. संजय सिंह के मुताबिक इस सर्वे में 63 फीसदी लोगों ने योगी सरकार द्वारा जातिवाद करने की बात स्वीकार की है. संजय सिंह का आरोप है कि इस सर्वे के बाद ही उन पर देशद्रोह का मुकदमा दर्ज कराया गया है.
राज्यसभा सांसद ने कहा कि मैनपुरी, अलीगढ़, एटा, कासगंज, प्रयागराज, कौशांबी, आजमगढ़, फर्रुखाबाद समेत 39 जिलों में 46 पदों पर ठाकुर उच्च अधिकारी तैनात हैं. क्या योगी सरकार को ब्राह्मण, मौर्य, पाल, सोनकर, पासी, निषाद, प्रजापति और अन्य समाज के अधिकारी तैनात करने को नहीं मिले, जबकि देश के किसी भी राज्य में जाति और धर्म के नाम पर सरकार को काम नहीं करना चाहिए.
'फर्जी मुकदमे दर्ज करवाती है सरकार'
आप सांसद ने कहा कि उत्तर प्रदेश में क्या यही रामराज्य है. संजय सिंह ने कहा कि भाजपा सरकार ने मेरे खिलाफ 13 धाराओं में मुकदमा दर्ज करा दिया और साथ ही आम आदमी पार्टी का कार्यालय बंद करा दिया. लखनऊ पुलिस को जब भी मेरा बयान लेना हो या गिरफ्तार करना हो तो मैं खुद ही हाजिर हो जाऊंगा.
'प्रदेश में खाकी की गुंडागर्दी'
एक सवाल का जबाव देते हुए संजय सिंह ने महोबा की घटना की कड़ी निंदा की. उन्होंने कहा कि प्रदेश में खाकी वर्दी की गुंडागर्दी खुलेआम चल रही है. सूबे में कानून के रक्षक खुद ही वसूली कर रहे हैं, यह बात हत्या से पहले व्यापारी ने खुद ही कही थी. घटना को इतने दिन बीत जाने के बाद भी एसएसपी खुलेआम खूम रहे हैं और अभी तक उनकी गिरफ्तारी नहीं हो सकी है. वहीं एसआईटी की एक रिपोर्ट वायरल हो रही है, जिसमें कहा गया है कि व्यापारी ने आत्महत्या की थी.
आप सांसद ने योगी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि सूबे में लगातार हत्या, दुष्कर्म और लूट जैसी घटनाएं हो रही हैं. वहीं पुलिस प्रदर्शनकारियों पर लाठी बरसाने में व्यस्त है. बिट्टू कांड में खुशी पर फर्जी मुकदमें दर्ज किए जाते हैं. इन घटनाओं से प्रदेश की पुलिस पर सवाल खड़े होना लाजमी है.