लखनऊ: कोविड-19 के दृष्टिगत सभी औद्योगिक और वाणिज्यिक संस्थानों को बड़ी राहत देते हुए योगी सरकार ने इन प्रतिष्ठानों द्वारा समस्त मदों में 22 मार्च से 30 जून 2020 तक देय धनराशि पर ब्याज में छूट प्रदान करने का निर्णय लिया है. राज्य के औद्योगिक विकास मंत्री सतीश महाना ने जारी बयान में बताया कि कोरोना वायरस के संक्रमण के रोकथाम के लिए लागू किए गए लॉकडाउन के परिणाम स्वरूप औद्योगिक व्यवसायिक व संस्थागत इकाइयों को बंद करना पड़ा.
योगी सरकार का बड़ा फैसला, औद्योगिक इकाइयों को 3 महीने के ब्याज पर छूट
कोरोना वायरस को लेकर यूपी सरकार ने औद्योगिक और वाणिज्यिक संस्थानों को बड़ी राहत दी है. दरअसल इन प्रतिष्ठानों द्वारा समस्त मदों में 22 मार्च से 30 जून 2020 तक देय धनराशि पर ब्याज में छूट प्रदान करने का निर्णय लिया है.
इसके फलस्वरूप आर्थिक गतिविधियों का संचालन भी रुक गया. परिणाम स्वरूप इन इकाइयों के समक्ष उत्पन्न वित्तीय संकट के कारण राज्य सरकार ने जहां एक और कतिपय औद्योगिक इकाइयों के पुनर संचालन की अनुमति दी है. वहीं राज्य के सभी औद्योगिक और वाणिज्यिक संस्थानों के देय पर ब्याज में तीन माह की छूट का निर्णय लिया है. वहीं योगी आदित्यनाथ सरकार ने ईंट भट्ठा मालिकों से बिना ब्याज के विनियमन शुल्क जमा करने में दो माह की मोहलत दी है. ईंट भट्ठा मालिक अब 31 मार्च के स्थान पर 31 मई विनियमन शुल्क जमा कर सकेंगे.
मंत्री सतीश महाना ने कहा कि इस संकट की घड़ी में प्रदान की गई छूट से प्रदेश के उद्यमों को कुछ राहत मिलेगी. केंद्र व राज्य सरकार द्वारा जारी किए गए दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए अपनी इकाइयों के संचालन को पुनः प्रारंभ करने में समर्थ होंगे. इस संबंध में अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास विभाग द्वारा राज्य के समस्त प्रमुख औद्योगिक विकास प्राधिकरण को निर्देश भी जारी कर दिए गए हैं.
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प्रमुख सचिव अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आलोक कुमार द्वारा नोएडा, ग्रेटर नोएडा, यमुना एक्सप्रेस-वे, यूपीसीडा, गोरखपुर औद्योगिक विकास प्राधिकरण, सतहरिया औद्योगिक विकास प्राधिकरण और दिल्ली-मुंबई इंडस्ट्रियल कॉरिडोर में एकीकृत औद्योगिक टाउनशिप ग्रेटर नोएडा लिमिटेड को प्रेषित पत्र में निर्देशित किया है. इसमें औद्योगिक विकास प्राधिकरणों के 22 मार्च 2020 से 30 जून 2020 तक की अवधि में सभी प्रकार के देयों को यदि 30 जून 2020 तक जमा कर दिया जाता है तो उस धनराशि पर विलंब से भुगतान करने पर लागू ब्याज नहीं लिया जाएगा.
शासनादेश के अनुसार इस सुविधा का लाभ उठाने के लिए संबंधित उद्यम को औद्योगिक विकास प्राधिकरण के समक्ष ऑनलाइन या ईमेल के माध्यम से अनुरोध करना होगा, लेकिन यदि उपरोक्त अवध के देय की धनराशि 30 जून तक जमा नहीं की जाती है, तो संपूर्ण स्थगन अवधि हेतु डिफाल्ट ब्याज देय होगा. इसके साथ ही यह भी कहा गया है कि 22 मार्च 2020 से पूर्व तथा 30 जून 2020 के पश्चात की अवधि के देय को निर्धारित तिथि तक जमा करना होगा. दरअसल राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के तीनों प्राधिकरण ग्रेटर नोएडा, नोएडा और यमुना एक्सप्रेस-वे के भुगतान को पूर्व में ही स्थगित कर दिया गया है.