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लखीमपुर खीरी: सहकारी बैंक की 62 शाखाओं के कर्मचारी हड़ताल पर - lakhimpur kheri today news

उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में जिला सहकारी बैंक को कर्मचारी हड़ताल पर चले गए हैं. कर्मचारियों ने जिले की सभी 62 शाखाओं में ताले लटका दिए हैं. उनकी मांग है कि उनका बोनस जो पिछले 50 सालों से दिया जा रहा था, वह पिछले दो सालों से बंद कर दिया गया है. उसको दोबारा चालू किया जाए.

बोनस की मांग को लेकर हड़ताल

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Published : Sep 19, 2019, 7:08 PM IST

लखीमपुर खीरी:जनपद के जिला सहकारी बैंक के कर्मचारी हड़ताल पर चले गए हैं. बैंक के कर्मचारियों ने जिले की सभी 62 शाखाओं में ताले लटका दिए हैं. कर्मचारी जिला मुख्यालय पर इकट्ठे होकर प्रदर्शन कर रहे हैं. कर्मचारियों की मांग है कि उनका बोनस जो पिछले 50 सालों से दिया जा रहा था, वह पिछले दो सालों से बंद कर दिया गया है. उसको दोबारा चालू किया जाए.

बोनस की मांग को लेकर हड़ताल

बोनस की मांग को लेकर हड़ताल

  • लखीमपुर खीरी जिले में जिला सहकारी बैंक की 62 शाखाएं हैं.
  • बैंक का करीब 1466 करोड़ का टोटल डिपाजिट है.
  • साढे तीन सौ कर्मचारियों वाले जिला सहकारी बैंक में ताले लटकने से पूरे जिले की अर्थव्यवस्था भी गड़बड़ा गई है.
  • कर्मचारियों ने लखीमपुर जिला मुख्यालय पर मेन ब्रांच में खड़े होकर प्रदर्शन शुरू कर दिया है.
  • कर्मचारियों का कहना है कि पिछले 50 सालों से जो ओवरटाइम बोनस सुपरविजन अलाउंस उनको मिलता था वह पिछले 2 सालों से बैंक प्रबंधन ने बंद कर दिया.
  • इसी ओवरटाइम बोनस सुपरविजन अलाउंस को दोबारा चालू करने के लिए कर्मचारी धरना दे रहे हैं.

कर्मचारियों कहना कि इस बार पांच करोड़ 30 लाख रुपया कर्मचारियों के भुगतान करने को अलग से रख लिया गया था, लेकिन इस बार फिर उपनिबंधक लखनऊ मंडल ने इस पर रोक लगा दी है. यह सब जानबूझकर किया जा रहा है और कर्मचारियों का शोषण किया जा रहा है. कर्मचारियों ने कहा कि यूपी में लखीमपुर खीरी की जिला सहकारी बैंक नंबर एक की बैंक है. करीब 1466 करोड़ का टोटल डिपाजिट है. दो हजार करोड़ की वर्किंग कैपिटल वाली खीरी की डीसीबी के कर्मचारी पसीना बहाकर लाभ कमाते हैं, दिन रात एक कर बैंक को आगे बढ़ाएं हुए हैं. पर इस बार डीआर ने तानाशाही करके पिछले 50 सालों से चली आ रही परंपरा को ही तोड़ दिया है. जो कतई बर्दाश्त नहीं होगा.


बैंक का लाभ कर्मचारियों की खून पसीने की मेहनत का परिणाम है. 50 सालों से बोनस,अग्रेसिया,और सुपरविजन अलाउंस की परंपरा को तोड़ा जा रहा है, ये कर्मचारी हित में नहीं. हम तब तक बैंकों में ताले डाले रहेंगे जब तक ठोस आश्वासन नहीं मिलता.
-संजय पाठक, अध्यक्ष कर्मचारी यूनियन, डीसीबी

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