लखीमपुर खीरी:केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र टेनी पर हाईकोर्ट में सोमवार को सुनवाई है. 22 साल पुराने प्रभात गुप्ता (lakhimpur kheri prabhat gupta murder case) की हत्या के मामले में अजय मिश्रा टेनी के खिलाफ हाईकोर्ट के एमपी-एमएलए कोर्ट में मामला दर्ज किया गया था.
22 साल पहले लखीमपुर खीरी के तिकुनिया में हुए प्रभात गुप्ता हत्याकांड में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री पर हाईकोर्ट में सुरक्षित फैसले पर आज (high court decision on union minister ajay mishra) सुनवाई है. हाईकोर्ट में चार सालों से सुरक्षित फैसले पर सुनवाई लंबित चल रही थी. प्रभात गुप्ता के भाई राजीव गुप्ता और उनकी मां 22 सालों से कानूनी लड़ाई लड़ रहे. प्रभात गुप्ता के भाई राजीव गुप्ता ने कहा कि यह न्याय की लड़ाई है, जिसे वह जीवन की आखिरी सांस तक लड़ते रहेंगे.
बता दें कि 8 जुलाई सन 2000 को तिकुनिया कस्बे में लखनऊ विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र नेता रहे प्रभात गुप्ता की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. इस हत्याकांड में अजय मिश्र टेनी समेत चार नामजद लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था. उसके बाद अजय मिश्र टेनी ने अरेस्ट स्टे ले लिया था. 5 जनवरी 2001 को हाईकोर्ट में डीके त्रिवेदी की बेंच ने टेनी का अरेस्ट स्टे खारिज कर दिया था. वहीं, उसके बाद 10 मई 2001 को जस्टिस नसीमुद्दीन की अदालत ने अजय मिश्री को गिरफ्तार करने का ऑर्डर दिया था. 25 जून को टेनी ने अदालत में सरेंडर किया, लेकिन डॉक्टर भल्ला रिपोर्ट में टेनी को हार्ट में दिक्कत बताकर अस्पताल भेज दिया गया और 26 जून को सेशन कोर्ट से टेनी को जमानत मिल गई. 29 अप्रैल 2004 को अजय मिश्र टेनी समेत चारों आरोपी जिला जज की अदालत से जमानत पर रिहा हो गए.
केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र टेनी (union minister ajay mishra) का बेटा तिकुनिया में 3 अक्टूबर 2021 को प्रदर्शनकारी किसानों पर कार चढ़ाकर चार लोगों और एक पत्रकार की हत्या का आरोपी है. इसके चलते मंत्री अजय मिश्र टेनी का बेटा लखीमपुर जेल में बंद है. वहीं, हाईकोर्ट में अजय मिश्र टेनी पर प्रभात गुप्ता मर्डर केस में भी फैसला आना बाकी है. निचली अदालत अजय मिश्र टेनी को क्लीन चिट दे चुकी थी.
यह भी पढ़ें:गाजीपुर सांसद अफजाल अंसारी बोले, 2024 में नहीं खिलेगा कमल
14 साल 2004 से 2018 तक लखनऊ हाईकोर्ट में इस मामले की सुनवाई हुई. मार्च 2018 में हाईकोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया था. तभी से चार हो गए इस फैसले पर सुनवाई नहीं हो सकी है. 5 अप्रैल 2022 को हाईकोर्ट की रमेश सिन्हा और सरोज यादव की बेंच ने ऑर्डर दिया था कि, 16 मई फैसले पर सुनवाई की आखिरी तारीख होगी, लेकिन 16 मई को जज रमेश सिन्हा छुट्टी पर थे इसलिए अगली तारीख 24 मई मुकर्रर हुई. वहीं, अगली सुनवाई पर टेनी के वकील 11 मई से 31 मई तक छुट्टी पर चले गए, लेकिन अजय मिश्र टेनी के वकील उनके बेटे की जमानत पर सुनवाई में 25 मई को दूसरी कोर्ट में मौजूद थे. उसके बाद कोर्ट में फिर ग्रीष्म अवकाश हो गया. इसके बाद अदालत में सुरक्षित फैसले पर अगली सुनवाई 11 जुलाई 2022 की डेट दी गई.
11 जुलाई को टेनी के वकील ने इस मामले में अदालत से फिर अगली तारीख मांगी थी, तभी हाईकोर्ट ने सख्त रवैया दिखाते हुए कहा था कि, अगर मामले में जब तक सुनवाई नहीं होती है तो अजय मिश्र को कस्टडी में ले लिया, लेकिन अजय मिश्र टेनी (union minister ajay mishra) के वकील ने अदालत को बताया कि वह अब इस केस को नहीं लड़ेंगे. अगली सुनवाई दूसरे वकील करेंगे. वहीं, दूसरी सुनवाई में टेनी के वकील नहीं आए, इसलिए डेट 20 जुलाई की गई और 20 जुलाई को टेनी के पहले वकील को कोरोना होने की सूचना कोर्ट को दी गई. इसकी वजह से अगली डेट 22 अगस्त लगाई गई.
यह भी पढ़ें:आदित्य यादव ने कहा पूरे दमखम के साथ निकाय चुनाव लड़ेगी प्रसपा, कार्यकर्ता करें तैयारी