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दूषित पानी पीने को मजबूर ग्रामीण, बीमारी का बढ़ा खतरा - people drink contaminated water

कौशांबी जिले के सिराथू तहसील के अंतर्गत आने वाला नियामत का पूरा गांव में लोग पानी जैसी मूलभूत समस्याओं से जद्दोजहद कर रहे हैं. डिप्टी सीएम का गृह जनपद होने के बावजूद लोगों को इस प्रकार की समस्याओं से गुजरना पड़ रहा है, जो निश्चय ही सरकार के दावों की पोल खोलती है.

दूषित पानी पीने को मजबूर ग्रामीण
दूषित पानी पीने को मजबूर ग्रामीण

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Published : Sep 12, 2021, 11:57 AM IST

कौशांबी: यूपी में अगले साल चुनाव होने हैं. सभी पार्टी के नेताओं का अब हर चौखट आना-जाना शुरू हो जाएगा. तमाम दावे और तमाम लुभावने वादे भी किए जाएंगे, लेकिन हकीकत में यह वादे किताबी ही साबित होते हैं. क्योंकि इससे ज्यादा अफसोस की बात और क्या हो सकती है कि देश की जनता को मूलभूत जरूरत भी पूरी नहीं हो पा रही है और लोगों को बुनायादी जरूरत यानि पीने के पानी तक के लिए भटकना पड़ता है.

यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के गृह जनपद कौशांबी के एक गांव के ग्रामीण पीने के साफ पानी के लिए तरस रहे हैं. इलाके में नल न होने की वजह से ग्रामीण कुएं का दूषित पानी पीने को मजदूर हैं. इसके चलते कई गांव के लोग डायरिया के शिकार हो गए. गांव में डायरिया फैलने की खबर लगते ही एक तरफ जहां जिला प्रशासन ने कुएं का पानी न इस्तेमाल करने का नोटिस बोर्ड लगाकर मामले से पल्ला झाड़ लिया तो वहीं गांव में गंदगी का अंबार लगा हुआ है.

दूषित पानी पीने को मजबूर ग्रामीण

इतना ही नहीं तालाब भी गंदगी से बजबजा रहा है और लोगों को डेंगू और डायरिया जैसी बीमारी फैलने का खतरा लगातार बना हुआ है. हालांकि इस पूरे मामले में जिलाधिकारी ने सीएमओ को गांव में दवाइयों के छिड़काव और डीपीआरओ को सफाई करवाने का निर्देश दिया है. लेकिन ग्रामीणों की समस्या जस की तस बनी हुई है. गांव में एक भी नल होने की वजह से ग्रामीण कुएं का दूषित पानी इस्तेमाल करने के लिए मजबूर हैं.

ग्रामीणों का कहना है कि गांव में दूषित पानी से बीमारी फैल रही है. गांव सहित आसपास के गांव में दूषित पानी से डायरिया की बीमारी फैल रही है. कई लोग बीमार हैं, लेकिन अधिकारियों ने गांव में भ्रमण किया और कुएं में दूषित पानी होने का बोर्ड लगाकर मात्र खानापूर्ति कर दी.

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गांव की इस समस्या के संबंध में जिलाधिकारी सुजीत कुमार ने बताया कि डीपीआरओ को गांव में साफ-सफाई के लिए निर्देशित किया है. इसके साथ ही सीएमओ को गांव में हफ्ते में 2 दिन दवाई का छिड़काव करने का निर्देश दिया गया है.

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