कानपुर: संजीत यादव के अपहरण के बाद हत्या मामले में अपराधी तो पकड़ गए लेकिन अभी तक 30 लाख रुपये की गुत्थी पुलिस नहीं सुलझा पाई है. लगातार इस मामले में पुलिस फंसती जा रही है क्योंकि परिवार का कहना है कि हमने ₹30 लाख रुपये दिए थे जबकि कानपुर पुलिस का कहना है कि पैसे नहीं दिए गए. अब इस मामले में एक नया मोड़ आ गया है जिसमें पीड़ित परिवार का एक वीडियो सामने आया है.
संजीत यादव के अपहरण के बाद हत्या करने वाले अपराधियों को तो पुलिस ने जैसे तैसे एक महीने बाद पकड़ लिया, लेकिन फिरौती में मांगी गई 30 लाख की रकम की गुत्थी कानपुर पुलिस अब भी सुलझाने में असफल है. जिसके लिए लखनऊ से जांच के भी आदेश कर दिए हैं. वहीं सोशल मीडिया पर पीड़ित परिवार का एक वीडियो सामने आया है. जिसमें पीड़ित परिवार बता रहा है कि अपहरणकर्ताओं को बैग में जो रुपये दिए गए थे वह नकली थे और चूरन विक्रेता से लिए गए थे.वहीं उसी वीडियो में पीड़ित परिवार ने यह भी बताया कि वह रुपये किस दुकान से लिए थे. इस बारे में जब उस दुकानदार से बात की गई तो उसने भी बताया की 35-40 साल का एक व्यक्ति उसकी दुकान पर आया था और चूरन वाले नकली नोट मांग रहा था. यह रकम उसी दिन मांगी गई जिस दिन अपहरणकर्ताओं को यह रकम दी जानी थी. दुकानदार का कहना है कि वो संजीत यादव के घर से आए थे यह मुझे नहीं पता लेकिन वह व्यक्ति अनजान था. इससे पहले मैंने उसे कभी यहां नहीं देखा था.दुकानदार ने बताया कि चूरन वाले नकली नोट मेरी दुकान से जरूर लेने आए थे. इसके बाद ही कानपुर पुलिस भी इस दुकान पर पहुंची थी. अब यह तो लखनऊ से आए अधिकारी की जांच की रिपोर्ट के बाद ही पता चलेगा कि अपराधी सच बोल रहे हैं या कानपुर पुलिस या फिर परिवार के लोग. वहीं इस मामले में अभी तक इसकी गुत्थी नहीं सुलझी है और ना ही अभी तक मृतक संजीत यादव का शव बरामद हुआ है.