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नए साल पर नई सौगात: स्टेम सेल से होगा डायबिटीज के मरीजों का इलाज, इन्सुलिन और दवाओं से मिलेगा छुटकारा - causes of diabetes

डायबिटीज मरीजों के लिए राहत भरी खबर कानपुर से आ रही है. यहां जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज से संबंद्ध हैलट अस्पताल में स्टेम सेल के जरिए डायबिटीज के मरीजों के इलाज की तैयारी हो चुकी है. चलिए जानते हैं इस बारे में.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jan 1, 2024, 10:38 AM IST

कानपुर: शहर के जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज से संबद्ध हैलट अस्पताल में डायबिटीज मरीजों का अब स्टेम सेल के जरिए इलाज होगा. इसके लिए एक स्पेशल किट तैयार की गई है. दावा है कि इस इलाज से मरीज को इन्सुलिन और दवाओं से छुटकारा मिल जाएगा. इस किट को तैयार कराने के लिए शासन ने पहले चरण में मेडिकल कॉलेज प्रशासन को 25 लाख रुपये का बजट भेज दिया है. खास बात यह है कि इस स्पेशल किट में मरीज का इलाज करने के लिए स्टेम सेल की मदद ली जाएगी जोकि मरीज के शरीर से ही निकाली जाएंगी. इस तरह से डायबिटीज का इलाज पूरे देश में पहली बार मेडिकल कॉलेज से ही शुरू होगा.

एक नजर.

ऐसे होगा इलाजः जीएसवीएम मेडिकल कालेज के प्राचार्य डा.संजय काला ने बताया कि अधिकतर डायबिटीज मरीजों को इंसुलिन लेना पड़ता है लेकिन, जब हम स्पेशल किट का प्रयोग करेंगे तो मरीज के जांघ या पेट के पास मौजूद चर्बी से स्टेम सेल (फैट डिराइव्ड स्टेम सेल) निकालेंगे. उन्होंने बताया कि करीब 50 एमएल स्टेम सेल से हम एक मरीज को ठीक कर लेंगे. हालांकि, उसे साल में दो बार इस तरह से इलाज कराना होगा. स्टेम सेल से मरीज की मांसपेशियों को मजबूत किया जाएगा जिससे उसे भविष्य में न तो इंसुलिन की जरूरत होगी न दवाओं की. हालांकि मरीज को खानपान में बहुत परहेज करना होगा और सुबह-शाम टहलना पड़ेगा.



एक मरीज पर ढाई लाख का खर्च: जीएसवीएम मेडिकल कालेज के प्राचार्य डा.संजय काला ने बताया कि वैसे तो इस इलाज में मरीजों को बहुत अधिक खर्च करना पड़ता मगर, हमने जो शासन में बात की है. उसके मुताबिक शासन से इस इलाज के लिए समय-समय पर बजट मिलेगा. एक मरीज पर एक साल में लगभग ढाई लाख रुपये का खर्च आएगा. गंभीर मरीजों का पहले चरण में इलाज शुरू कराया जाएगा.

सात दिनों में दवाएं आधी:मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डा.संजय काला ने बताया कि जब हमने पहले मरीज का इलाज शुरू किया था, तो महज सात दिनों के अंदर मरीज की दवाएं आधी हो गई थीं. एक साल के अंदर दवाएं पूरी तरह से बंद कर दी गईं. अब मरीज भी पूरी तरह से फिट है. इसी तरह अन्य मरीजों को ठीक करने की योजना बनी है. वहीं, जो किट तैयार हुई है उसे डॉक्टर्स की टीम ने कई चरणों में तैयार किया है.

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