कानपुर देहातःजिला अस्पताल में धरने पर बैठे स्वास्थ्यकर्मियों में से एक की पुलिस द्वारा बेहरमी से पिटाई का मामला लगातार तूल पकड़ता जा रहा है. गौरतलब है कि जिस स्वास्थ्यकर्मी को पुलिस बेरहमी से पीट रही थी, उसकी गोद में बच्ची भी थी. बच्ची लगातार चिल्लाता रही और पुलिस लगातार स्वास्थ्यकर्मी पर डंडे बरसाती रही. कानपुर नगर के आईजी जोन प्रशांत कुमार ने कानपुर देहात जिला अस्पताल परिसर का शुक्रवार को निरीक्षण किया. साथ ही आईजी जोन ने यह स्वीकार किया कि इस मामले में पुलिसकर्मी से गलती है. वहीं, इस मामले में पुलिस अधीक्षक केशव कुमार चौधरी ने सफाई दी है.
एसपी केशव कुमार चौधरी ने बताया कि जिला अस्पताल में चतुर्थ कर्मचारी रजनीश शुक्ला और उसके समर्थकों द्वारा ओपीडी को बंद करा दिया गया था. साथ ही यह लोग मरीजों को अस्पताल से बाहर कर रहे थे. एसपी ने बताया कि रजनीश शुक्ला और उसके समर्थक डॉक्टरों और मरीजों के साथ अभद्रता की जा रही थी. उन्होंने बताया कि सीएमओ ने पुलिस को सूचना दी. सूचना पर पहुंची पुलिस रजनीश शुक्ला को समझाने का प्रयास किया तो उसने अभद्रता शुरू कर दी.
एसपी ने बताया कि इस दौरान रजनीश शुक्ला और उसके साथियों ने चौकी इंचार्ज और पुलिसकर्मियों को एक कमरे में बंद कर दिया था. इसके बाद थानाध्यक्ष भी मौके पर पहुंचे और समझाने की कोशिश की तो रजनीश शुक्ला ने दांतों से काट लिया था. एसपी ने बताया कि अस्पताल की व्यवस्था सुचारू करने के लिए स्वास्थ्यकर्मियों पर हलका बल प्रयोग करना पड़ा. उन्होंने कहा कि आरोपी रजनीश शुक्ला इसके पहले भी ऐसी घटनाओं में शामिल रह चुका है.