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गंगा-जमुनी तहजीब की अनूठी मिसाल है कन्नौज की रामलीला - kannauj news

यूपी के कन्नौज में सैकड़ों वर्षों से रामलीला के दौरान रावण वध शरद पूर्णिमा के दिन किया जाता है. रावण के पुतले को सैकड़ों सालों से एक मुस्लिम परिवार बनाता चला आ रहा है. यह परंपरा गंगा-जमुनी तहजीब की प्रतीक मानी जा रही है.

रावण का पुतला दहन

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Published : Oct 14, 2019, 9:55 AM IST

कन्नौज: जनपद के ग्वाल मैदान स्थित आदर्श रामलीला समिति सैकड़ों सालों से रामलीला का आयोजन करा रही है. इस रामलीला का समापन पूर्णिमा को रावण वध से किया जाता है, लेकिन रावण वध यहां की गंगा-जमुनी तहजीब को बढ़ावा दे रहा है, क्योंकि रावण का पुतला एक मुस्लिम परिवार सालों से बनाता आ रहा है.

रामलीला का मंचन.

यह मुस्लिम परिवार जेरकिले मोहल्ला का रहने वाला है. रावण के पुतले को बनाने वाले मुन्ना आतिशबाज और उनका परिवार हिन्दू धर्म के इस पावन पर्व पर हमेशा से रावण का पुतला बनाते चले आ रहे हैं. उनका यह काम पुस्तैनी है. इससे पहले इनके वालिद और पूर्वज इस काम को करते थे, जिससे कन्नौज में हिन्दू-मुस्लिम एकता को हमेशा देखा जा सके.

यहां के लोगों की माने तो यह राष्ट्रीय एकता का प्रतीक है, क्योंकि जिस जगह रामलीला होती थी, उसी जगह पर मुस्लिम समुदाय के मोहर्रम के ताजिये भी दफनाये जाते थे. हिन्दू-मुस्लिम मिलकर एक ही स्थान पर दोनों धार्मिक त्योहार मनाते थे और एक दूसरे का सहयोग करते थे. अयोध्या में भी इसी तरह से मुस्लिम समाज के लोग भगवान राम की लीला में भाग लेते हैं और उनके लिए फूल और वस्त्र बनाते हैं, जो कन्नौज की सद्भावना का प्रतीक है.

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पिछले दो सप्ताह से रामलीला का आयोजन आदर्श रामलीला समिति के लोगों द्वारा किया जा रहा है. यहां की परंपरा रही है कि रावण का पुतला मुसलिम परिवार द्वारा बनाया जाता है और मंचन हिन्दू समुदाय के लोगों द्वारा किया जाता है, जो हिन्दू-मुसलिम एकता का प्रतीक है.
-शैलेश कुमार, एसडीएम

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