कन्नौज: जिले में कोरोना का कहर बदस्तूर जारी है. कोरोना का संक्रमण शहरी इलाकों के अलावा ग्रामीण क्षेत्रों में भी तेजी से फैल रहा है. बेहतर इलाज न मिलने की वजह से मौतों का सिलसिला भी तेजी से बढ़ा है. ऐसे में लोग शवों का दाह संस्कार करने की बजाय उसे महादेवी गंगा घाट किनारे दफन करना शुरू कर दिए हैं. अभी तक करीब 50 से अधिक शव दफन किए जा चुके हैं. इतना ही नहीं, कोरोना संक्रमण से मौत होने पर भी शवों का दाह संस्कार करने की बजाय दफनाया जा रहा है. हाल ही में हुई बारिश की वजह से कब्र की मिट्टी हटने से मामला उजागर हुआ.
शव को दफनाते समय एक व्यक्ति पीपीई किट पहनकर शव को दफन कराते हुए दिखा, जिससे ऐसा प्रतीत होता है कि चोरी छिपे गंगा घाट पर कोरोना संक्रमित शवों को दफनाने का सिलसिला बदस्तूर जारी है.
एक माह में दो हजार शवों का हुआ अंतिम संस्कार
कोरोना पूरे देश में तबाही मचा रहा है. साथ ही अब कोरोना वायरस ने गांव की तरफ अपना रुख कर लिया है. इससे संक्रमितों की संख्या में भी तेजी से इजाफा हुआ है, जिसके चलते मौतों का सिलसिला भी बढ़ा है. इससे श्मशान घाटों में लोगों को चिता जलाने के लिए जगह तक नहीं मिल रही है. महादेवी गंगा घाट पर एक माह में करीब दो हजार लोगों का अंतिम संस्कार किया गया है. ऐसे में लोगों ने दाह संस्कार की झंझट से बचने के लिए शवों को दफनाना शुरू कर दिया है. महादेवी गंगा श्मशान घाट पर 50 से अधिक शव गंगा के किनारे रेती में दफन नजर आ रहे हैं.
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पीपीई किट पहनकर शव दफन करते आए नजर
गंगा किनारे रहने वाले ग्रामीण भी दबी जुबान में कोरोना संक्रमितों के शव को दफन किए जाने की बात कह रहे हैं. जब शवों के दफनाने की खबर की ईटीवी भारत की टीम ने पड़ताल की तो इसका एक नजारा कैमरे में भी कैद हो गया. जब कुछ लोग एक शव को दफनाने के लिए गड्ढा खोद रहे थे तब उन लोगों में एक व्यक्ति पीपीई किट पहने खड़ा हुआ था. इससे अनुमान यह लगाया जा रहा है कि यह शव किसी कोरोना संक्रमित का है. इस प्रकार की हो रही लापरवाही पर लोग प्रशासन का ध्यान दिलाने की बात भी कह रहे हैं.