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कन्नौज: कोरोना से लड़ाई के लिए गठित होगी वॉलिंटियर्स और सर्विलांस टीम - कोरोना से बचाव के लिए सर्विलांस टीम का गठन

यूपी के कन्नौज जिले में संक्रमण के बचाव के लिए जिला प्रशासन ने एक और कदम आगे बढ़ाया है. इस संकटकाल से निपटने के लिए जिले में वॉलिंटियर्स टीमों के गठन के साथ ही 300 सर्विलांस टीमें गठित की जाएंगी.

covid volunteers and surveillance team
वॉलिंटियर्स और सर्विलांस का गठन

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Published : Jun 25, 2020, 7:05 PM IST

कन्नौज: जिले के कलेक्ट्रेट परिसर में गुरूवार को कोरोना से बचाव और राहत के लिए कोविड वॉलिंटियर्स और सर्विलांस टीम के गठन किए जाने के संबंध में बैठक की गई. डीएम ने बैठक की अध्यक्षता करते हुए उपस्थित अधिकारियों को निर्देश दिया. उन्होंने कहा कि कोरोना से बचाव के लिए शासन की तरफ से पहले भी विभिन्न योजनाएं बनाकर लोगों को जागरूक किया गया है. इस कार्य में विभिन्न स्वयंसेवी संस्थाओं, राष्ट्रीय सेवा योजना,नेहरू युवा केंद्र संगठन, राष्ट्रीय कैडेट कोर, युवक एवं महिला मंगल दल, रेड क्रॉस के स्वयंसेवकों और सदस्यों का महत्वपूर्ण योगदान रहा है.

300 सर्विलांस टीमों का होगा गठन
डीएम राकेश कुमार मिश्र ने बताया कि अब जन जागरूकता और ग्रामीण स्तर पर कोरोना संक्रमण के प्रसार की रोकथाम के लिए समस्त स्वयंसेवी संगठनों की सेवाएं लेने का निर्णय शासन स्तर पर किया गया है. उन्होंने बताया कि कोविड वॉलिंटियर्स के गठन के लिए एक समिति का गठन किया जाएगा. इनके नेतृत्व में जनपद में 300 सर्विलांस टीमों का गठन किया जाएगा.

हर 5 टीम के ऊपर एक सर्विलांस टीम बनाई जाएगी, जो कि अपने क्षेत्र में कार्य कर रहे सर्विलांस टीमों के कार्यों में आने वाली कठिनाइयों से उच्चाधिकारियों को अवगत कराएंगे और अन्य आवश्यक मदद भी करेंगे. अन्य संस्थाओं के सदस्य जो स्नातक, परास्नातक हों और 21 से 30 वर्ष की आयु के होने के साथ ही चिकित्सीय रूप से स्वस्थ हों, वे कार्य कर सकेंगे.

सभी स्वयंसेवकों दिया जाएगा प्रमाण पत्र
डीएम ने जानकारी देते हुए बताया कि समस्त स्वयंसेवी संगठनों के माध्यम से लगाए गए वॉलिंटियर्स और अन्य पंजीकृत वॉलिंटियर्स के स्वैच्छिक रूप से कार्य करने की अवधि 3 महीने निर्धारित है. इसके पश्चात प्रदेश में कोरोना की परिस्थितियों के अनुरूप सेवाओं को विस्तारित भी किया जा सकता है. सेवा कार्य के लिए इन्हें किसी भी प्रकार का मानदेय देय नहीं होगा. साथ ही सेवा कार्य अवधि के पूरा होने के बाद सभी स्वयंसेवकों को एक प्रमाण पत्र भी दिया जाएगा.

जिलाधिकारी ने कहा कि इस कार्य के लिए सभी के पास खुद का एंड्रॉयड फोन होना चाहिए और सभी का संप्रेषण कौशल भी अच्छा होना चाहिए. सभी स्वयंसेवकों को प्रशिक्षित करने के लिए स्वास्थ्य विभाग की तरफ से व्यवस्था की जाएगी. सभी गतिविधियों की रिपोर्टिंग करने के लिए स्वास्थ्य विभाग की तरफ से एक एप्लीकेशन भी उपलब्ध कराया जाएगा. ये सभी समूह कोरोना की रोकथाम के लिए व्यापक प्रचार-प्रसार में मदद करेंगे.

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