कन्नौज. सपा सरकार में हुए सांप्रदायिक दंगे के दौरान भाजपा सांसद सुब्रत पाठक समेत 14 नेताओं पर गैंगेस्टर की कार्रवाई की गई थी. न्यायालय में मामला विचाराधीन चल रहा था. तकरीबन छह साल पुराने मामले में गुरूवार को न्यायालय अपर सत्र न्यायाधीश फास्ट ट्रैक कोर्ट के जज मुकेश कुमार सिंह फैसला सुनाया है.
जज ने फैसला सुनाते हुए सांसद समेत सभी आरोपियों को दोषमुक्त करार देते हुए बरी कर दिया है. साथ ही कोर्ट ने तत्कालीन सरकार और जिलाधिकारी को भी मनमाने तरीके से प्रशासनिक शक्तियों का दुरूपयोग करने का दोषी माना है. कोर्ट द्वारा फैसला सुनाए जाने के बाद भाजपा नेता और कार्यकर्ताओं में खुशी की लहर दौड़ गई.
क्या है पूरा मामला
दरअसल, सपा सरकार में साल 2017 में शहर में साप्रदायिक दंगे हुए थे. इसमें पठकाना मोहल्ला निवासी भाजपा सांसद सुब्रत पाठक समेत देविन टोला मोहल्ला निवासी सौरभ कटियार, हरदेव गंज मोहल्ला निवासी विक्रम त्रिपाठी, विशाल शुक्ला, गुड्डू यागव, गदनपुर बड्डू निवासी अरविंद उर्फ भौंदू, युसूफपुर भगवान मोहल्ला निवासी अवधेश राठौर, रंजीत कश्यप, ईशू कनौजिया, होली मोहल्ला निवासी पुष्कर मिश्रा, बगिया फजल इमाम मोहल्ला निवासी चीनी कनौजिया, कचहरी टोला निवासी मनुपार्थ सारथी, चौधरी सराय निवासी अंकित दुबे, अंबेडकर नगर निवासी गगन मिश्रा के खिलाफ गंभीर धाराओं में मुकदमें दर्ज किए गए थे.
इसमें सभी आरोपियों पर गैंगस्टर की भी कार्रवाई की गई थी. तत्कालीन एसएचओ श्यामवीर सिंह ने गैंगस्टर की कार्रवाई की थी. आरोप लगाया था कि यह लोग गिरोहबंद होकर गैंग के सदस्यों के लिए आर्थिक एवं भौतिक लाभ प्राप्त करने के लिए हत्या, लूट, चोरी, आगजनी, सांप्रदायिक व धार्मिक उन्माद फैलाकर सामाजिक सौहार्द बिगाड़ने जैसे समाज विरोधी क्रियाकलापों में लिप्त हैं.