कन्नौज :करीब नौ साल पहले तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव का पुतला फूंकने के मामले में दर्ज मुकदमे में एमपी-एमएलए कोर्ट ने साक्ष्यों के अभाव में सांसद सुब्रत पाठक समेत 10 लोगों को दोष मुक्त करार दिया. 2014 में तिर्वा क्रॉसिंग पर सरकार विरोधी नारेबाजी और पुतला फूंकने के आरोप में 22 लोगों पर रिपोर्ट दर्ज की गई थी. यह फैसला अपर जिला जज विशंभर प्रसाद ने सुनाया. फैसला पक्ष में आते ही समर्थकों में खुशी की लहर दौड़ गई.
साल 2014 का है मामल :साल 2014 में हुए लोकसभा चुनाव में भाजपा प्रत्याशी सुब्रत पाठक चुनाव हार गए थे. प्रदेश में सपा की सरकार थी, अखिलेश यादव मुख्यमंत्री थे. तत्कालीन सरायमीरा चौकी प्रभारी होरीलाल ने 20 मई 2014 को रिपोर्ट दर्ज कराई थी. कहा था कि वह हेड कांस्टेबल राणा प्रसाद व शिव सिंह के साथ गश्त पर थे. तिर्वा क्रॉसिंग पर सुब्रत पाठक समर्थकों के साथ यातायात रोक कर सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर रहे थे. इस दौरान सुब्रत पाठक साथियों के साथ मिलकर मुख्यमंत्री का पुतला जला रहे थे. पुलिस ने 22 लोगों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की थी. कुछ लोगों के नाम पुलिस ने विवेचना में निकाल दिए थे. मामले की सुनवाई एमपी-एमएलए कोेर्ट में चल रही थी.