झांसी:एरच बालू घाट पर एसडीएम के छापा मारने पर खनन कर रहे तीन मजदूर नदीं में कूद गए थे. जिसमें से एक 50 वर्षीय मजदूर का पांच दिन बाद बुधवार को शव मिला है. पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है. मजदूर की पहचान कुरैना निवासी राजबहादुर (50) के रूप में हुई है. परिजनों ने प्रशासनिक अधिकारियों पर लापता मजदूर की तलाश न करवाने के आरोप लगाए थे. इसके बाद प्रशासन ने हमीरपुर से महाजाल मंगवाए और गोताखोरों से तलाश करवाया. जिसके बाद अब मजदूर का शव मिला है.
एसडीएम क्षितिज कुमार के अनुसार लापता मजदूर की तलाश जारी थी. बुधवार दोपहर एरच पुल के पास मजदूर का शव बेतवा नदी में उतराता मिला है. शव के पास से मजदूर का मोबाइल भी बरामद हुआ है. बीती 6 जनवरी को अवैध खनन की सूचना पर एसडीएम गरौठा ने एरच के एक बालू घाट पर छापा मारा था. छापेमारी के दौरान खनन कर रहे तीन मजदूरों ने डरकर बेतवा नदीं में छलांग लगा दी थी. जिनमें से 2 मजदूर बाहर आ गए थे, जबकि एक मजदूर लापता हो गया था.
बालू घाट पर एसडीएम के छापे के दौरान डर से नदी में कूदा था मजदूर, पांचवें दिन मिला शव
झांसी में 6 जनवरी पर अवैध खनन(Illegal mining in jhansi) कर रहे तीन मजदूर छापेमारी के दौरान नदीं में कूद गए थे. जिसमें से एक मजदूर का शव एरच बालू घाट पर(Dead body of laborer at Erich Balu Ghat) पांच दिन के बाद मिला है.
परिजनों ने प्रशासन पर लापता मजदूर को ढूंढने में दिलचस्पी न दिखाने के गंभीर आरोप लगाए थे. हालांकि प्रशासनिक अफसरों का दावा है कि उन्होंने हमीरपुर से महाजाल मंगवाया और गोताखोरों की टीम तलाश के लिए लगाई गई. परिजनों का यह भी कहना है कि प्रशासनिक स्तर पर मजदूर को ढूंढने के लिए कोई प्रयास नहीं किया गया. हमीरपुर से आया जाल और गोताखोर भी घाट पर काम करने वाले लोगों ने ही मंगवाए थे.
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