झांसी: बुंदेलखण्ड के 20 गांवों को गोद लकेर भारत विकास परिषद उनके विकास के लिए काम करेगा. परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. सुरेश चंद्र गुप्ता ने बताया कि गोद लेने वाले गांव चिह्नित कर लिए गए हैं. 'एक शाखा-एक गांव' के सिद्धांत के आधार पर सभी शाखाएं गांव को गोद लेकर उनके विकास के लिए काम करेंगी.
झांसी: बुंदेलखण्ड के 20 गांवों को गोद लेगा भारत विकास परिषद
भारत विकास परिषद की 20 शाखाएं बुलंदेखंड के 20 गांवों को गोद लेकर उनके विकास पर जोर देंगी. भारत विकास परिषद के सदस्य गांव के सदस्यों के साथ बैठक कर गांव के विकास पर जोर देंगे.
भारत विकास परिषद की बैठक में शामिल सदस्य.
बुंदेलखण्ड के विकास के लिए आगे आया भारत विकास परिषद
- दो महीने पहले भारत विकास परिषद का फरीदाबाद में हुए राष्ट्रीय अधिवेशन हुआ था.
- अधिवेशन में 'एक शाखा-एक गांव' का प्रस्ताव स्वीकार किया गया था.
- भारत विकास परिषद की 300 शाखाओं ने अब तक देश भर में 300 गांवों को चिह्नित किया है.
- 'एक शाखा-एक गांव' योजना के तहत देश भर में 1500 गांव गोद लिए जा रहे हैं.
- इन गांवों में भारत विकास परिषद शिक्षा, स्वास्थ्य, स्वालंबन, पर्यावरण और जैविक खेती पर मुख्य रूप से काम करेगा.
- गोद लिए गए सभी गांवों को ऐसे आदर्श गांव बनाने की पहल शुरू की जाएगी, जिसमें सभी जरूरी सुविधाएं मुहैया हों और लोग जागरूक हों.
बुंदेलखण्ड में अभी 20 शाखाएं हैं, जो 20 गांवों को गोद लेंगी. भारत विकास परिषद के तीन सदस्य और गांव के पांच सदस्य बैठकर समन्वय करेंगे. समन्वय बैठक में गांव की समस्याओं पर विचार किया जाएगा. पर्यावरण, ग्रामीण महिलाओं में स्वास्थ्य जागरूकता, संस्कार सहित अन्य कामों को प्राथमिकता दी जाएगी.
-डॉ. सुरेश चंद्र गुप्ता, राष्ट्रीय अध्यक्ष, भारत विकास परिषद