जौनपुर:पूरे देश में स्वच्छ भारत अभियान के तहत घर-घर शौचालय बनाने का लक्ष्य रखा गया है. सरकार इस अभियान में अब तक देश में 10 करोड़ से भी ज्यादा शौचालय का निर्माण करवा चुकी है. जिले में भी दो लाख से ज्यादा शौचालय का निर्माण हो चुका है, लेकिन अभी भी लोगों की सोच शौचालयों के प्रति बदली नहीं है.
शो-पीस बनकर रह गए शौचालय
कई जगहों पर यह शौचालय शो-पीस बन के रह गए हैं, जबकि आज भी लोग खुले में शौच जा रहे हैं. कहने को तो जिले को खुले में शौच मुक्त घोषित कर दिया गया है, लेकिन जौनपुर के नवादा गांव में एक शौचालय को प्रयोग में नहीं लाकर, बल्कि उसमें सामान भर दिया गया है. यह कोई पहला ऐसा मामला नहीं है. कई गांव में ऐसे शौचालय भी मिले हैं, जो प्रयोग के काबिल ही नहीं है, बल्कि यह शौचालय अब खंडहर में तब्दील हो चुके हैं.
शौचालय या तो बन रहे शोपीस या फिर स्टोर रूम. शैचालय को बना डाला स्टोर रूमजनपद में दो लाख से भी ज्यादा शौचालय बनाए गए हैं, फिर भी स्वच्छ भारत अभियान के तहत खुले में शौच मुक्त भारत का सपना अभी पूरा होता नहीं दिख रहा है. जनपद में शौचालय के प्रति अभी भी लोगों की सोच नहीं बदली है. सरकार शौचालय के माध्यम से जहां खुले में शौच मुक्त करना चाह रही है, ताकि लोगों को कई ऐसी बीमारियों से बचाया जा सके. लेकिन जनपद में कई जगहों पर शौचालय को लोगों ने प्रयोग में न लाकर उन्हें सामान रखने के लिए उपयोग कर रहे हैं.
खंडहर में तब्दील हो रहे शौचालय
नवादा गांव में एक व्यक्ति ने सरकार के द्वारा बनाए गए शौचालय को स्टोर रूम में तब्दील कर दिया है, जबकि ऐसा करना पूरी तरह से गैरकानूनी भी है. वहीं कई ऐसे शौचालय घटिया निर्माण के चलते शोपीस साबित हो रहे हैं, जिनको लोगों ने प्रयोग करना ही छोड़ दिया है. ऐसे में मोदी सरकार का स्वच्छ भारत का सपना आखिर कैसे पूरा होगा. कृष्णा गांव की ग्रामीण राजदेव ने बताया कि पहले बनाए गए ज्यादातर शौचालय घटिया किस्म के थे, जो अब उपयोग करने लायक नहीं रह गए हैं.
वर्तमान में जो शौचालय बन रहे हैं वह लोग प्रयोग कर रहे हैं, लेकिन 5 साल पहले बनाए गए शौचालय घटिया किस्म के थे, जो प्रयोग करने के काबिल भी नहीं हैं.
-रामपाल, ग्रामीण
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