उत्तर प्रदेश

uttar pradesh

ETV Bharat / state

जालौन: किसानों को पराली जलाने से मिलेगा छुटकारा, कृषि विभाग यंत्रों पर दे रहा अनुदान

यूपी के जालौन जिले में अपर जिलाधिकारी ने विकास भवन सभागार में जिम्मेदार विभागों, किसानों और पुलिस टीम के साथ मिलकर बैठक की. बैठक में आए हुए किसानों से अपील की है कि वह पराली न जलाएं और दूसरे किसानों को भी इसके लिए प्रेरित करें. इसके अलावा पराली का प्रबंधन कृषि यंत्रों के जरिए किए जाने का सुझाव दिया, जिससे मिट्टी की उर्वरता बनी रहेगी और प्रदूषण भी नहीं बढ़ेगा.

By

Published : Sep 7, 2020, 7:42 PM IST

अधिकारियों और किसानों के साथ बैठक करते अपर जिलाधिकारी
अधिकारियों और किसानों के साथ बैठक करते अपर जिलाधिकारी

जालौनः एनजीटी के सख्त आदेश के चलते पराली जलाने के मामले को लेकर जिला प्रशासन सतर्क है. इसी क्रम में अपर जिलाधिकारी प्रमिल कुमार सिंह ने विकास भवन सभागार में जिम्मेदार विभागों, किसानों और पुलिस टीम के साथ मिलकर बैठक की. इसमें खरीफ की फसलों में पराली की समस्या उत्पन्न न हो इसके लिए केंद्र सरकार किसानों को “इन सीटू योजना” के अंतर्गत उपयोग में आने वाले 14 कृषि यंत्रों पर 50 फीसदी तक अनुदान का लाभ देगी. इसके बावजूद भी अगर किसान पराली जलाते हुए पाए जाते हैं तो एनजीटी के तहत कार्रवाई प्रशासन द्वारा सुनिश्चित की जाएगी.

अपर जिला अधिकारी प्रमिल कुमार सिंह ने बताया कि खरीफ की फसलों में धान की खेती करने वाले किसान पराली की समस्या उत्पन्न करते हैं. इसके लिए केंद्र सरकार ने 14 कृषि यंत्र पर 50 फीसदी अनुदान जारी किया है, जिससे किसान अभी से इन यंत्रों को खरीद लें. इसकी प्रक्रिया जिला कृषि जालौन की वेबसाइट पर ऑनलाइन शुरू हो गई है.

इसके बावजूद अगर किसान पराली जलाने की समस्या को उत्पन्न करते हैं तो इसके लिए जिला प्रशासन ने सभी विभागों के जिलास्तरीय अधिकारियों को निर्देश जारी कर दिया है. सभी अधिकारी ग्रामीण स्तर पर टीमें गठित करें और अपने क्षेत्र में किसानों को पराली जलाने के नुकसान के बारे में जागरूक करें, जिससे उन्हें पराली जलाने से रोका जा सके. अगर कोई भी किसान इस नियम को नहीं मानता है तो उसके विरोध एनजीटी के तहत मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई की जाएगी.

अपर जिलाधिकारी ने बैठक में आए हुए किसानों से अपील की है कि वह पराली न जलाएं और दूसरे किसानों को भी इसके लिए प्रेरित करें. इसके अलावा पराली का प्रबंधन कृषि यंत्रों के जरिए किए जाने का सुझाव दिया, जिससे मिट्टी की उर्वरता बनी रहेगी और प्रदूषण भी नहीं बढ़ेगा.

ABOUT THE AUTHOR

...view details