भरतपुर:बेघर लोगों को सहारा देने और उनकी सेवा के लिए जिलें में डॉ. बीएम भारद्वाज और उनकी पत्नी डॉ. माधुरी भारद्वाज ने मिलकर अपना घर आश्रम की स्थापना की थी. इस आश्रम की स्थापना का मुख्य उद्देश्य गरीबों और लाचारों की सेवा करना है, जिनका उनके अपनों ने साथ छोड़ दिया या जिनका इस दुनिया में कोई नहीं है. मानसिक रूप से बीमार लोगों की भी सेवा अपना घर आश्रम में की जाती है. ऐसे लोगों को इस आश्रम में लाया जाता है. उनका इलाज किया जाता है, खाना-पीना दिया जाता है और सेवा की जाती है.
ना तन पर पूरे कपड़े थे और ना ही याददाश्त सही थी, ना घर का पता बता पा रही थी और ना ही खुद का नाम. कुछ ऐसे ही हालात में 11 महीने पहले उत्तर प्रदेश के हाथरस शहर की पुलिस ने मानसिक विमंदित गर्भवती गुड्डी को अपना घर आश्रम पहुंचाया था. अपना घर आश्रम ने ना केवल गुड्डी को आश्रय दिया, बल्कि उचित उपचार और देखभाल से वह स्वस्थ भी हो गई. 11 महीने बाद गुड्डी स्वस्थ हो गई और अपने घर का पता भी बताया. जिसके बाद अपना घर आश्रम की सूचना पर गुड्डी की मां और पिता उसे लेने अपना घर आश्रम पहुंचे.
आश्रम में भरी झोली...
अपना घर आश्रम के संस्थापक डॉक्टर बीएम भारद्वाज ने बताया कि जिस समय गुड्डी अपना घर आश्रम में आई थी, उस समय वह 5 माह की गर्भवती थी. गुड्डी की मानसिक स्थिति ठीक नहीं थी, इसलिए उसका नियमित रूप से उपचार चला और लगातार देखभाल की गई. मार्च 2020 में गुड्डी ने एक बेटी को जन्म दिया. बेटी का नामकरण गौरांगी भी अपना घर आश्रम में ही किया गया.
बेटी के जन्म के बाद गुड्डी की हालत में आया सुधार...
गुड्डी का नियमित रूप से उपचार किया गया और बेटी के जन्म के बाद गुड्डी धीरे-धीरे सामान्य होने लगी. बाद में गुड्डी की मानसिक स्थिति सामान्य हो गई और उसने उत्तर प्रदेश के प्रयागराज स्थित अपने घर का पता भी बता दिया. जिसके बाद अपना घर आश्रम की टीम ने प्रयागराज में पुलिस प्रशासन की मदद से उसके घरवालों को ढूंढ कर गुड्डी के सकुशल होने की सूचना पहुंचाई. सूचना पाकर गुड्डी की मां, पिता और भाई उसे लेने के लिए अपना घर आश्रम पहुंचे.