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कागजों पर हरदोई जिला घोषित हुआ ओडीएफ, अभी भी गांवों में अधूरे पड़े हैं शौचालय

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट 'खुले में शौच मुक्त भारत' की असल हकीकत उत्तर प्रदेश के हरदोई जिले में कुछ और ही है. ओडीएफ घोषित हो चुके इस जिले में अभी भी तमाम शौचालय अधूरे पड़ हैं.

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कागजों पर हरदोई जिला घोषित हुआ ओडीएफ.

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Published : Dec 9, 2019, 11:17 PM IST

हरदोई: 'तुम्हारी फाइलों में गांव का मौसम गुलाबी है, मगर ये आंकड़े झूठे और दावा किताबी है ' ये लाइनें पहले भी शासन-प्रशासन की कार्यशैली पर सटीक बैठती थी और अब भी सटीक बैठती हैं. यूपी के हरदोई में 'खुले में शौच मुक्त भारत' की असल हकीकत कुछ ऐसी ही है. ओडीएफ घोषित हो चुके इस जिले में अभी भी तमाम अधूरे पड़े शौचालय दिखाई देते हैं. बीजेपी जिलाध्यक्ष सौरभ मिश्रा को उस समय असहज होना पड़ गया, जब वह एक ग्रामीण के घर के बाहर बने शौचालय में मिट्टी और ईंधन भरा देख उसे शौचालय का इस्तेमाल करने के लिए प्रोत्साहित करने पहुंच गए.

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जब ग्रामीण ने उन्हें शौचालय का इस्तेमाल न कर पाने की असल वजह बताई तो वह भौचक्के रह गए. जिलाध्यक्ष ने सीडीओ को फोन कर सारी बात बताई और जांच कराकर जिम्मेदारों पर कार्रवाई कराने की बात कही.

मामला बावन विकासखंड के गांव भिठारी का है, जहां ग्राम सभा के प्राइमरी स्कूल में एक स्वेटर वितरण कार्यक्रम में हिस्सा लेने बीजेपी के हरदोई जिला अध्यक्ष सौरभ मिश्रा आए थे. कार्यक्रम के बाद जिला अध्यक्ष ने एक घर के बाहर बने शौचालय में भरे मिट्टी और ईंधन को देखा, जिससे वह मकान मालिक के पास जाकर उसे शौचालय इस्तेमाल करने के लिए प्रोत्साहित करने लगे.

ग्रामीण रामसेवक ने जिलाध्यक्ष को बताया कि यह शौचालय साल 2015 में स्वीकृत हुआ था, लेकिन ग्राम प्रधान और जिम्मेदारों की लापरवाही के चलते अभी तक यह पूरा नहीं हो पाया और यूं ही अधूरा पड़ा है, जबकि पूरा जिला शौच मुक्त घोषित हो चुका है. बीजेपी जिलाध्यक्ष ने तुरंत ही सीडीओ निधि गुप्ता से बात की और लापरवाह ग्राम प्रधान और अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग की.

इस बारे में भाजपा जिला अध्यक्ष सौरभ मिश्रा ने बताया कि वह गांव में एक कार्यक्रम में आए थे, लेकिन यहां पर एक व्यक्ति के शौचालय में कंडे भरे मिले. साथ ही शौचालय भी अधूरा पड़ा मिला. इस बारे में उन्होने अधिकारियों से बातचीत की.

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हालांकि, यह कार्य समाजवादी पार्टी की सरकार में कराया गया था, लेकिन भाजपा की सरकार बनने के बाद भी अधिकारियों ने इस ओर ध्यान नहीं दिया है. गांव में कमोबेश शौचालयों की यही स्थिति है, जो कि अधूरे पड़े हैं. इस मामले में अधिकारियों से बात कर मामले की जांच और कार्रवाई की बात कही गई है.

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