उत्तर प्रदेश

uttar pradesh

ETV Bharat / state

बाबा मुंजेश्वरनाथ भक्तों की मुराद करते हैं पूरी, योगी सरकार भी इस मंदिर पर मेहरबान

उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में मुंजेश्वरनाथ मंदिर की अपनी अलग मान्यता है. इस मंदिर में दूर-दूर से लोग आते हैं और मुरादें पूरी होने पर यहां भंडारा और प्रसाद का भी आयोजन करते हैं. मुंजेश्वरनाथ मंदिर की महिमा और महत्व को देखते हुए खुद सीएम योगी आदित्यनाथ इसके जीर्णोद्धार, पोखरे और धर्मशाला के निर्माण की आधारशिला रखने आए थे.

By

Published : Jul 20, 2020, 12:13 PM IST

बाबा मुंजेश्वरनाथ गोरखपुर
बाबा मुंजेश्वरनाथ गोरखपुर.

गोरखपुर: सावन के महीने में भगवान भोलेनाथ के मंदिरों के प्रति भक्तों में अपार श्रद्धा उमड़ती है. अपने ऐतिहासिक महत्व की वजह से यहां भक्त खींचे चले आते हैं. ऐसा ही एक पौराणिक और ऐतिहासिक महत्व का मंदिर गोरखपुर के भौवापार गांव में स्थापित है, जो मुंजेश्वरनाथ के नाम से जाना जाता है. यहां दूर-दूर से श्रद्धालु आते हैं और मुरादें पूरी होने पर भंडारा और प्रसाद का भी आयोजन करते हैं. मुंजेश्वरनाथ मंदिर की महिमा और महत्व को प्रदेश की योगी सरकार ने भी पहचाना है. यही वजह है कि खुद सीएम योगी आदित्यनाथ इस मंदिर के जीर्णोद्धार, पोखरे और धर्मशाला के निर्माण की आधारशिला रखने आए थे. बता दें कि राज्य सरकार यहां 6 करोड़ रुपये से ज्यादा का बजट खर्च कर रही है.

बाबा मुंजेश्वरनाथ गोरखपुर.

इस मंदिर की है प्राचीन मान्यता

मंदिर के पुजारी संजय गिरी बताते हैं कि करीब 400 साल पहले की घटना है. जब झाड़-झंखाड़ वाले इस क्षेत्र में लोग पेड़ों की कटाई और साफ-सफाई कर रहे थे. तब यह इलाका सतासी राज स्टेट के अंतर्गत आता था. यह स्थान सतासी स्टेट की राजधानी हुआ करता था. उन्होंने बताया कि सफाई के दौरान एक सर्प के सिर पर फावड़े से चोट लग गई थी, जिसके बाद उसके सिर से रक्त के बजाय दूध निकलने लगा था. इसकी सूचना राजा तक पहुंची. इसके बाद राजा ने पुरोहितों से परामर्श किया और उन्हें स्वप्न में भी शिवलिंग की स्थापना का भान हुआ. आश्चर्यजनक घटना यह रही कि जब राजा इस स्थान पर शिवलिंग स्थापित करने के लिए खुदाई करने लगे, तो एक ऐसा शिवलिंग खुदाई से प्राप्त हुआ, जिसके सिर पर चोट जैसा ही निशान दिखाई दे रहा था. मौजूदा समय में वही शिवलिंग मुंजेश्वरनाथ मंदिर में स्थापित है. जिसका दर्शन और स्पर्श करके लोग धन्य होते हैं और अपनी मुरादें पूरी होने की कामना करते हैं.

कोरोना संक्रमण के समय में भी यहां आ रहे लोग

यह मंदिर गोरखपुर जिला मुख्यालय से करीब 20 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है. मौजूदा समय में यहां पर सौंदर्यीकरण और निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है. यहां का पोखरा लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र बना हुआ है. पोखरे की अद्भुत मछलियां भी लोगों को आकर्षित करती हैं और उनकी कलाबाजी लोगों को आनंदित करती हैं. मुंजेश्वरनाथ का शिवलिंग बरगद और पीपल दो पेड़ों की जुड़ी शाखाओं की छाया में स्थापित है, जो सैकड़ों साल पुराने हैं. इसी पीपल के पेड़ में हाथी के कान की आकृति लोगों को बरबस ही आकर्षित करती है. श्रद्धालुओं के लिए यह विशेष श्रद्धा का स्थान है. सावन के महीने में तो यहां पर लोगों की भीड़ उमड़ती है, जो कोरोना संक्रमण के समय में भी देखी जा रही है. मंदिर प्रबंधन बचाव के सारे उपाय अपना रहा है. यहां पर लगे घंटों को बांध दिया गया है और सैनिटाइजेशन, सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए श्रद्धालु शिवलिंग की ओर पहुंच रहे हैं.

ABOUT THE AUTHOR

...view details