गोरखपुरः उत्तर प्रदेश द्वारा संचालित कौशल विकास मिशन के अन्तर्गत पूर्व में अर्जित कौशल प्रमाणीकरण (आरपील) योजना गोरखपुर से लांच की गई. गोरखपुर महोत्सव के साथ आरपीएल की पहली कार्यशाला का विश्व विख्यात टेराकोटा औरंगाबाद के वर्कशाप पर शुभारंभ किया गया. तीन दिवसीय प्रशिक्षण एवं प्रमाण पत्र वितरण कार्यशाला का उद्घाटन उत्तर प्रदेश कौशल विकास मिशन के उपनिदेशक रामाश्रय सिंह की उपस्थिति में पिपराइच विधायक महेंद्र पाल सिंह ने प्रशिक्षुओं में टूल्स किट वितरित करते हुए किया.
हुनरमंदों को प्रमाणीकरण करने के लिए आरपीएल योजना हुई लांच. इसके साथ ही पूरे प्रदेश में कार्यक्रम का प्रारंभ कर दिया गया. इस योजना के अन्तर्गत उत्तर प्रदेश सरकार ने प्रदेश में 1,87,500 हुनरमंदों को प्रमाणीकरण करने के प्रमाण पत्र वितरण करने का लक्ष्य दिया. जानकारों ने बताया कि यह संख्या 1,87,500 से बढ़कर करीब ढाई लाख होने की संभावना है.
कार्यशाला में शिल्पियों को संबोधित करते हुऐ उत्तर प्रदेश कौशल विकास मिशन के उपनिदेशक रामाश्रय सिंह ने कहा आप एक हुनरमंद कारीगर हैं, आपके अंदर बहुत योग्यता है. योग्यता के बाद भी आपके पास इस बात का कोई प्रमाण पत्र नहीं है कि आप अमुक क्षेत्र में उस कार्य के लिए पारंगत हैं. इसी के दृष्टिगत उत्तर प्रदेश सरकार ने 1,87,500 प्रशिक्षित कारीगरों को तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला में प्रशिक्षित करके उन्हें प्रमाण पत्र वितरित किया जाएगा. उन्होंने ने कहा कि हमारे जितने भी भी ट्रेनिंग पार्टनर हैं, सबको स्टेट हेडक्वार्टर से लक्ष्य प्राप्त हो गया है, लक्ष्य 50 हजार और अधिक बढ़ने की संभावना है.
डिप्टी डायरेक्टर ने कहा कि किसी भी हुनर में परिपूर्ण व्यक्ति को प्रमाणीकरण करने के लिए इस योजना के माध्यम से प्रशिक्षित करने साथ उनको प्रमाण पत्र दिया जायेगा. मैं प्रदेश सरकार में मुख्यमंत्री योगी अदित्यनाथ का सदैव आभारी रहूंगा, जिन्होंने इस कार्य का शुभारंभ गुरु गोरक्षनाथ की पावन धरा और मेरे विधानसभा क्षेत्र में स्थित विश्व प्रसिद्ध टेराकोटा गांव औरंगाबाद को चुना. प्रमाण पत्र प्राप्त शिल्पी किसी भी क्षेत्र सरकारी अथवा गैर-सरकारी कम्पनियों में रोजगार का अवसर प्राप्त कर सकेंगे. इसके लिए टेराकोटा शिल्पियों के लिए (400) का लक्ष्य दिया गया है, औरंगाबाद में तीन दिवसीय प्रशिक्षण में 100 प्रतिभागी दो बैच में प्रतिभाग कर रहे हैं.