गोरखपुर:प्रदेश सरकार जहां स्वास्थ्य पर शिक्षा को बेहतर बनाने के लिए करोड़ों रुपए के बजट हर साल जिला अस्पतालों को मुहैया कराती है. वहीं मुख्यमंत्री के शहर गोरखपुर में पानी के लिए मरीजों को दर-दर भटकना पड़ रहा है. रोज हजारों की संख्या में मरीज जिला अस्पताल अपना इलाज कराने आते हैं. ऐसे में गरीब,असहाय, ग्रामीण क्षेत्रों, दूरदराज से आने वाले मरीजों के लिए अपनी बीमारी का इलाज कराना समस्या है तो वहीं दूसरी सबसे बड़ी समस्या यहां आकर पानी के लिए दर-दर भटकना इनकी मजबूरी हो गई है.
सीएम सिटी के जिला अस्पताल में पानी के लिए तड़प रहे है मरीज अल्ट्रासाउंड विभाग, टिटनेस वॉर्ड, आर्थो ओपीडी सहित कई विभागों में पीने के पानी की व्यवस्था नहीं है. वहीं मुख्यमंत्री द्वारा उद्घाटन किए गए प्याऊ की स्थिति भी जर्जर है. वाटर कूलर तो लगा है लेकिन काफी समय से खराब पड़ा है. टोटियां सुखी हुई है.
सुबह से ही लाइन में लगकर अपनी बारी का इंतजार कर रहे हैं. इस बीच गला सूख जा रहा है, इतनी भीषण गर्मी पड़ रही है लेकिन यहां पर प्यास बुझाने के लिए कोई समुचित व्यवस्था नहीं की गई है. यहां सारी सुविधाएं होनी चाहिए. क्षेत्र निदान केंद्र के बाहर एक वाटर कूलर और 2 सरकारी हैंडपंप लगे हुए हैं, लेकिन दोनों ही खराब पड़े हुए हैं.
रामकेश, मरीज
खराब पड़े वॉटर कूलर और सरकारी हैंड पाइपों की जानकारी उन्हें हैं और उन्होंने संबंधित विभाग को इसके बारे में लिख दिया है. अभी तक इन्हें दुरुस्त नहीं किया जा सका, ऐसे में मरीजों को थोड़ी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. जल्द से जल्द हम खराब पड़े वाटर कूलर और दोनो सरकारी हैंडपंपों को सही करा देंगे.
राजकुमार गुप्ता, प्रमुख अधीक्षक