गोरखपुर : पूर्वी उत्तर प्रदेश में स्वास्थ्य के क्षेत्र में सर्वाधिक अस्पतालों, नर्सिंग होम्स की संख्या रखने वाला गोरखपुर शहर, नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) के निशाने पर आ गया है. मेडिकल कचरे के निस्तारण और इसे प्रदूषण का बड़ा केंद्र मानते हुए एनजीटी ने 2 सप्ताह के भीतर अस्पतालों को प्रदूषण बोर्ड से प्रमाण पत्र लेने का निर्देश जारी किया है.
जानकारी देते सीएमओ डॉ. श्रीकांत तिवारी. यह आदेश उत्तर प्रदेश सरकार के माध्यम से जिले के सीएमओ को प्राप्त हुआ है. इस आदेश के आने के बाद सीएमओ भी हरकत में आ गए हैं. उन्होंने अस्पतालों को नोटिस जारी करना शुरू कर दिया है. खास बात यह है कि इस दायरे में एनजीटी ने सरकारी अस्पतालों को भी ले लिया है, जिसके बाद महकमे की सिर दर्दी बढ़ गई है.
बता दें कि अस्पताल और नर्सिंग होम पर एनजीटी की इस कार्रवाई से पहले गोरखपुर के मेडिकल कॉलेज को भी मेडिकल कचरा का सही तरीके से निष्पादन न करने पर हर्जाने का शिकार होना पड़ा था. शहर में करीब छोटे बड़े कुल 80 से ज्यादा नर्सिंग होम, अस्पताल हैं. इसके अलावा पैथोलॉजी सेंटर की संख्या 400 के पार है.
सीएमओ डॉ. श्रीकांत तिवारी की मानें तो वह इस आदेश के बाद अपने अस्पतालों को भी प्रदूषण मुक्त बनाने के प्रयास के साथ इसका अनापत्ति प्रमाण पत्र लेंगे. साथ ही सभी प्राइवेट अस्पतालों को नोटिस जारी कर 2 सप्ताह के भीतर प्रमाण पत्र लेने का निर्देश भी जारी करेंगे. उन्होंने कहा कि जो भी एनजीटी के आदेश का उल्लंघन करेगा वह बड़े जुर्माने का शिकार होगा या फिर उसके अस्पताल में ताला लग जाएगा.