गोरखपुरः दुनिया से केले की फसल नष्ट न होने पाए इसके लिए भारतीय कृषि वैज्ञानिकों ने एक ऐसी दवा इजाद की है. जो अब पूरी तरह से केले की फसल को सुरक्षित रखेगी. इसे भारत के कृषि वैज्ञानिकों की अनोखी खोज बताया जा रहा है. वहीं ऑस्ट्रेलिया, ताइवान और फिलीपींस जैसे देश इस बीमारी से अपने देश में केले की फसल को बर्बाद होने से बचा नहीं पाए. केले में लगने वाले इस रोग का नाम (उकठा) और पनामा विल्ट है. जो फ्यूजेरियम ऑक्सिसपोरम फफूंद से जनित होता है. इसकी रोकथाम के लिए जिस दवा का इजाद किया गया है उसका नाम है 'आईसीएआर फ्यूजीकांट', जो पूरी तरह से बॉयो केमिकल है.
केले में लगने वाला रोग है उकठाः
ऑस्ट्रेलिया, ताइवान और फिलीपींस में घट चुकी इस घटना के बाद जो भी दवाईयां बनी वह कारगर नहीं रही. ऐसे में केंद्रीय मृदा लवणता अनुसंधान संस्थान (सीएसएसआरआई) चेन्नई के कृषि वैज्ञानिक डॉक्टर टी दामोदरन अपने रिसर्च में जुटे हुए थे. इस बीमारी का देश में पहला लक्षण बिहार के कटिहार जिले में मिला. उत्तर प्रदेश में यह बीमारी अयोध्या के क्षेत्र सोहावल में काफी तेजी से फैली थी. जिस पर कृषि वैज्ञानिकों ने अपनी बनाई दवा का प्रयोग किया और परिणाम सकारात्म देखने को मिला.
भारत दवा का कराएगा पेटेंटः
भारत अपनी इस दवा को पेटेंट कराने के साथ ही किसानों को सामुदायिक संस्थाओं के माध्यम से बेचेगा. जिससे इसका दुरुपयोग भी न हो और किसानों को बेहतर लाभ मिले. कृषि क्षेत्र को मिली इस बड़ी सफलता की जानकारी गोरखपुर में कृषि एवं बागवानी अनुसंधान के डायरेक्टर डॉक्टर शैलेंद्र राजन ने दी. इस दौरान उनके साथ डॉ. टी. दामोदरन भी मौजूद थे.