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संसाधन के अभाव के बावजूद कोरोना संक्रमण के नियंत्रण में सफल रही यूपी सरकार: स्वास्थ्य मंत्री

उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले में स्वास्थ्य मंत्री जयप्रकाश सिंह पहुंचे. यहां उन्होंने कोरोना को लेकर चल रही व्यवस्थाओं के बारे में अवगत कराया. सैंपल जांच के लिए मशीनों की संख्या बढ़ाने, पीपीई किट उपलब्ध कराने सहित अन्य मुद्दों पर उन्होंने बात की.

गोरखपुर
यूपी सरकार जयप्रकाश सिंह

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Published : May 31, 2020, 1:01 PM IST

गोरखपुरः यूपी सरकार के स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री जय प्रकाश सिंह ने कहा कि पूर्वी यूपी में बाहर से आने वाले मजदूरों की संख्‍या अधिक होने के कारण कोरोना पॉजिटिव मरीजों की संख्‍या में इजाफा हुआ है. उन्‍होंने बताया कि संसाधन वि‍हीन होने के बावजूद सरकार कोरोना संक्रमण के नियंत्रण में सफल रही है. उन्‍होंने कहा कि सैंपल पेंडेंसी को दूर करने के लिए मशीनें बढ़ाई जा रही हैं. उन्‍होंने बताया कि छह मंडलों के मंडल मुख्‍यालय और जिलों पर टेस्टिंग मशीनें जिला च‍िकित्‍सालय पर लगाई जाएंगी, जिससे चिकित्‍सक भी खुद को सुरक्षित महसूस कर सकें.

जय प्रकाश सिंह ने शनिवार को गोरखपुर के सर्किट हाउस में पत्रकारों से बातचीत के दौरान कहा कि 22 जनपदों के लिए हम प्रस्ताव बनाकर भेज रहे हैं, जहां पर पूरा एक ब्लॉक बनेगा. उन्‍होंने बताया कि अलग से अत्याधुनिक संचारी रोगों से जुड़े हुए तमाम तरह की टेस्टिंग करेंगे, लैब बनाएंगे और उसमें 100 बेड भी रहेंगे. क्योंकि यूपी में मौसम के लिहाज से जेई, एईएस, चिकनगुनिया और डेंगू जैसी बीमारियां होती रहती हैं. पूर्वी यूपी में बाहर से आने वाले मजदूरों की संख्‍या अधिक होने के कारण जांच में परेशानी हो रही है. कोशिश की जा रही है कि कोरोना जांच के लिए बीआरडी मेडिकल कॉलेज में एक मशीन और बढ़ाई जाए, जिससे जांच में तेजी आ सके. सैंपल अधिक पहुंचने के कारण यहां पर जांच प्रभावित होने की बात सामने आ रही है.

चिकित्सकों की सुरक्षा का ध्यान
उन्होंने बताया कि 80 से 85 प्रतिशत ऐसे लोग हैं, जिन्‍हें होम क्‍वारंटाइन किया जा रहा है, जो भी किसी भी तरह के कोरोना के लक्षण वाले पेशेंट आते हैं, तो उन्‍हें अलग कर दिया जाता है. हर जनपद में एक मशीन लेकर आ रहे हैं, जो दो घंटे के अंदर निगेटिव मरीज की रिपोर्ट बता देगा. पॉजिटिव के लिए उसे सैंपल भेजना होगा. चिकित्‍सकों की सुरक्षा के लिए पीपीई किट, मास्‍क और ग्‍लब्‍स मुहैया कराया गया है. कोरोना वायरस ने 3 महीने तक सभी गतिविधियों को बंद कर दिया था. इधर कई गतिविधियों को खोलने के बाद यह भी तय हुआ था कि हमारे प्रदेश में जनपद के चिकित्सालय और प्राइवेट चिकित्सालय को भी खोला जाए.

ओपीडी के अलावा सभी सेवाएं शुरू करने पर जोर
इमरजेंसी सेवाओं को प्रारंभ करने के लिए इसके लिए डब्ल्यूएचओ और इन सभी का ज्वाइंट प्रोटोकॉल बनाकर इसका एक प्रशिक्षण तैयार किया गया है. पिछले 10-15 दिनों के अंदर सभी जिले के सरकारी डॉक्टर्स और प्राइवेट अस्पतालों को यह प्रशिक्षण दे दिया गया है. जनपदों में एसीएमओ के माध्यम से नोडल टीम बनाकर पीपीई किट, मास्क, हैंड ग्लव्स, हेडशील्‍ड जैसी जरूरी सुविधाओं को प्रदान किया गया है. यह प्रयास किया जा रहा है कि अधिक से अधिक चिकित्सा सेवाएं प्रारंभ हो सकें. इमरजेंसी सेवाएं शुरू हो जाएं. उन्होंने बताया कि ओपीडी को छोड़कर अन्य सेवाओं को शुरू करने का प्रयास किया जा रहा है.

78 हजार बेड कर लिये हैं तैयार
आज के दिन मुख्यमंत्री के निर्देश पर 78,000 बेड हम लोगों तैयार कर लिया है. L1, L2 फैकेल्टी के साथ वेंटिलेटर की भी व्यवस्था है. 24 करोड़ की आबादी में 28 लाख लोग आ चुके हैं, लेकिन अभी भी स्थिति नियंत्रण में है. मात्र 2900 पॉजिटिव केस हमारे प्रदेश में हैं. हमने इसे नियंत्रण किया है. प्रतिदिन हम 9,000 जांच कर रहे हैं. 4-5 की संख्या में जब पूल टेस्टिंग हम करते हैं, तो लगभग 10 से 11,000 तक टोटल टेस्टिंग प्रतिदिन का हो रही है. रेंडम सेंपलिंग भी कर रहे हैं.

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