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प्रवासी मजदूरों को रोजगार देने में गोरखपुर का प्रथम स्थान, सबसे ज्यादा बने जॉब कार्ड

यूपी के गोरखपुर जिले को प्रदेश में प्रवासी मजदूरों को रोजगार देने के मामले में प्रथम स्थान मिला है. जिले में मनरेगा के तहत सबसे ज्यादा जॉब कार्ड बनाए गए हैं. इसका पूरा श्रेय मुख्य विकास अधिकारी हर्षिता माथुर को दिया जा रहा है.

प्रवासी मजदूर.
प्रवासी मजदूर.

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Published : May 9, 2020, 9:03 PM IST

गोरखपुर:कोरोना महामारी के दौरान जनपद में लौटे प्रवासी मजदूरों के लिए मनरेगा वरदान साबित हो रहा है. प्रवासी श्रमिकों को मनरेगा रोजगार से जोड़ने के मामले में जनपद को पूरे प्रदेश में पहला स्थान हासिल हुआ है. लॉकडाउन के कारण शहर में बढ़ी बेरोजगारी से गांव लौटे प्रवासी मजदूरों को जिला प्रशासन ने मनरेगा से जोड़ते हुए रोजगार दिया है. प्रवासी मजदूरों का कहना है कि शहर में रोजगार बंद होने के कारण वे गांव लौटे हैं. उनके पास कोई रोजगार नहीं है. वे भूखे मरने को मजबूर हैं. इसलिए वे प्रशासन से रोजगार की मांग कर रहे हैं.

जानकारी देते प्रवासी मजदूर.

मुख्य विकास अधिकारी की मेहनत लाई रंग
प्रदेश में मनरेगा से रोजगार देने के मामले में गोरखपुर को पहला स्थान मिला है. इसका पूरा श्रेय मुख्य विकास अधिकारी हर्षिता माथुर का जाता है. उन्होंने जिला विकास अधिकारियों को एक्टिव करते हुए श्रमिकों को रोजगार दिलाने में अहम भूमिका निभाई है, जिन मजदूरों के पास सक्रिय जॉब कार्ड है, उन्हें तत्काल रोजगार उपलब्ध करा दिया गया है तो वहीं निष्क्रिय जॉब कार्ड धारकों को सक्रिय करके काम दिया जा रहा है.

10,998 नए जॉब कार्ड बने
जिले के 20 विकास खंडों में 8 मई तक 10,998 नए जॉब कार्ड बनाए गए हैं, जबकि 655 नवीनीकृत जॉब कार्ड भी बने हैं. 1,352 ग्राम पंचायतों और 3,309 राजस्व गांव के 6,567 मजदूरों को इसी जॉब कार्ड के आधार पर कार्य दिए जाएंगे. इनमें से 1,059 ग्राम पंचायतों में काम शुरू हो गया है. इसमें 37,348 श्रमिक कार्यरत हैं. इसके तहत 1.60 करोड़ रुपये का भुगतान भी किया जा चुका है.

'अंतर्राष्ट्रीय श्रम दिवस'पर चलाया गया अभियान
बीते 1 मई को 'अंतर्राष्ट्रीय श्रम दिवस' पर 5 दिनों के लिए विशेष अभियान चलाया गया. प्रत्येक क्वारंटाइन सेंटर पर नामवार ग्राम रोजगार सेवक की ड्यूटी लगाई गई. इनका काम मजदूरों का नामांकन करके उन्हें जॉब कार्ड उपलब्ध कराना था. इसी के चलते उत्तर प्रदेश में गोरखपुर का नए जॉब कार्ड बनाने में प्रथम स्थान पर रहा. सीडीओ हर्षिता माथुर ने बताया कि गांव स्तर पर ही शासन की मंशा के अनुरूप प्राथमिकता के आधार पर रोजगार उपलब्ध कराया जा रहा है.

रोजगार देने के लिए कंट्रोल रूम की स्थापना
लॉकडाउन के कारण नौकरी गंवा चुके मजदूरों को मनरेगा के तहत काम दिलाने और उनकी समस्या के समाधान के लिए शासन के निर्देश पर जिला मुख्यालय में एक कंट्रोल रूम स्थापित किया गया है. इसका टेलीफोन नंबर 0551-220 3150 और मोबाइल नंबर 9807872525 है. इस कार्य पर पूरी निगरानी बरतने के लिए उपायुक्त श्रम एवं रोजगार को नोडल अधिकारी बनाया गया है, जो जिले में कहीं से भी आने वाली सूचना पर तेजी के साथ कार्यवाही करेंगे.

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