गोरखपुरः जनपद के धर्मशाला बाजार वार्ड में प्रधानमंत्री आवास योजना (PM Awas Yojana) के तहत चयनित लाभार्थियों द्वारा पैसा लेकर मकान नहीं बनाने का मामला सामने आया है. इस सूची में करीब 60 लोगों के नाम योजना के क्रियान्वयन में लगी हुई है. जब संस्था ने रिकवरी के लिए यह सूची जिलाधिकारी को सौंपी, तो मामले ने राजनीतिक रूप ले लिया. इस वार्ड के पूर्व सभासद और भाजपा नेता राजू सिंह ने सूची के जरिए वार्ड में पीएम आवास योजना में बड़े भ्रष्टाचार किए जाने का आरोप लगाया. उन्होंने इसकी शिकायत मुख्यमंत्री से की. उन्होंने कहा कि अगर सही तरीके से जांच हो तो करोड़ों रुपए का वारा न्यारा सामने आएगा.
मुख्यमंत्री ने लिया संज्ञानः जिसके बाद संज्ञान लेते हुए मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारी को इस मामले की जांच कराने का निर्देश दिया. इसके बाद जिलाधिकारी ने जिला नगरीय विकास अभिकरण (DUDA) को मामले की जांच सौंप दी. इसकी जांच में जो नतीजे निकलकर सामने आ रहे हैं. उसमें विपरीत परिस्थितियों की वजह से मकान के पैसे को दूसरे मद में खर्च कर देने वाले गरीब पात्र लोग हैं. जिन्होंने अब धीरे-धीरे मकान बनाने शुरू कर दिए हैं. जिलाधिकारी ने जिला नगरीय विकास अभिकरण (DUDA) के परियोजना निदेशक ने ईटीवी भारत से कहा है कि जांच में फिलहाल भ्रष्टाचार की पुष्टि नहीं हो रही है. जिन लोगों को आरोपी बनाया गया है. वो लोग धीरे-धीरे मकान बना रहे हैं. कोरोना काल की वजह से निर्माण प्रभावित हुआ था. लेकिन, अब निर्माण की प्रगति अच्छी चल रही है.
डूडा की जांचःउल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री आवास योजना के लाभार्थियों को माकान निर्माण शुरू करने के लिए पहली किस्त के रूप में 50 हजार रूपये खाते में मिलता है. निर्माण शुरू होने के बाद इसकी जियो टैगिंग की जाती है. फिर सर्वे की रिपोर्ट के बाद उसे डेढ़ लाख रुपए की दूसरी किस्त भेजी जाती है. मकान की जब छत लगने को होती है तो लाभार्थी को 50 हजार रूपये और खाते में भेजा जाता है. धर्मशाला बाजार में करीब ढाई सौ से अधिक लोगों को इस योजना के तहत चयनित किया गया था. जिनमें से 190 से अधिक लोगों ने अपने आवास पूर्ण कर लिए हैं. सिर्फ 60 लोग ही ऐसे हैं. जिनका बजट कोरोना काल में जारी हुआ था उन्हीं के माकान निर्माण में यह दिक्कतें आई हैं.