गोरखपुरःउत्तर प्रदेश में पंचायत चुनाव का बिगुल बज चुका है. नामांकन पत्रों की खरीद-बिक्री भी शुरू हो गई है. ग्राम प्रधान से लेकर जिला पंचायत, क्षेत्र पंचायत और ग्राम पंचायत सदस्यों के लिए भी फार्म की बिक्री हो रही है. इन पदों के लिए नामांकन 3 अप्रैल से शुरू हो जाएगा लेकिन फॉर्म की खरीद-बिक्री के दौरान कोरोना की गाइडलाइन का किसी भी केंद्र पर पालन होता दिखाई नहीं दे रहा, चाहे वह जिला पंचायत का कार्यालय हो या फिर ब्लॉक मुख्यालय. इन केंद्रों पर जो लोग भी फॉर्म खरीदने के लिए आ रहे हैं वह न तो वह मास्क लगा रहे हैं और न ही सोशल डिस्टेंस का पालन कर रहे हैं. फॉर्म की बिक्री में जुटे हुए जिला पंचायत, ब्लॉक स्तर के अधिकारी- कर्मचारी भी पूरी तरह से लापरवाह और बेपरवाह दिखाई दे रहे हैं.
कैमरा देख मची खलबली
ईटीवी भारत की टीम बुधवार को इन केंद्रों की पड़ताल करने निकली तो उसके कैमरे में सारी गतिविधियां कैद हुईं. उम्मीदवारी जताने वाले से लेकर अधिकारियों तक सभी में, इस दौरान खलबली मच गई. जो लोग मौजूद थे सभी ने धड़ाधड़ मास्क लगाना शुरू कर दिया. साथ ही अपने बचाव में सफाई भी देने लगे.
1294 ग्राम पंचायतों, 20 ब्लॉक और 67 जिला पंचायत की सीट पर होगा चुनाव
गोरखपुर में इस बार कुल 1294 ग्राम पंचायतों में चुनाव होंगे. इसमें 854 ग्राम पंचायत आरक्षित हैं. जिसमें 643 पद एससी और ओबीसी के लिए और 211 पद महिला के लिए आरक्षित हैं. 440 गांव अनारक्षित रहेंगे. ब्लॉक प्रमुख के 20 पदों में से 13 पद आरक्षित हैं तो 7 पद अनारक्षित हैं. जिला पंचायत के लिए कुल 67 सदस्य का चुनाव होगा. इनका नामांकन पत्र जिला पंचायत कार्यालय से बिक्री किया जा रहा है. क्षेत्र पंचायत सदस्य और ग्राम प्रधान के लिए ब्लॉक मुख्यालय को केंद्र बना गया है. जहां पर चुनाव में उतरने वाले लोगों की भारी भीड़ दिखाई दे रही है. यह लोग हर बिक्री काउंटर पर कोरोना प्रोटोकॉल के नियमों का उल्लंघन करते हुए देखे जा सकते हैं, लेकिन इस पर जिम्मेदार अधिकारी भी कुछ नहीं बोल रहे. वजह यह भी है कि अधिकारी खुद नियमों को ताख पर रखे हुए हैं. जिला पंचायत सदस्य का नामांकन जिला मुख्यालय पर करेंगे तो ब्लॉक मुख्यालय पर ग्राम प्रधान, पंचायत सदस्य अपना नामांकन दाखिल करेंगे.