गोरखपुर: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath) ने कहा है कि निष्ठा के साथ नीयत साफ हो तो नियंता भी नीति को सफल बनाने में योगदान देते हैं. अयोध्या में राम जन्मभूमि पर भगवान श्रीराम (Lord Ram) के भव्य मंदिर का हो रहा निर्माण इसका प्रमाण है. नेतृत्व के प्रति अगाध निष्ठा, साफ नीति-नीयत और संस्थापकों के आदर्शों-मूल्यों का सम्मान करते हुए ही भाजपा आज दुनिया की सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी बनी है. उन्होंने इशारों-इशारों में पूर्व सीएम अखिलेश यादव और पिता मुलायम सिंह यादव पर सत्ता मिलने पर अयोध्या में रामभक्तों पर गोली चलवाने जैसी घटना की पुनरावृत्ति करने की आशंका जाहिर की.
मुख्यमंत्री शनिवार को गोरखपुर के योगीराज बाबा गंभीरनाथ प्रेक्षागृह में आयोजित भाजपा गोरखपुर क्षेत्र के मंडल अध्यक्षों, मंडल प्रभारियों की बैठक को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने बैठक में मौजूद लोगों में खूब जोश भरा. साथ ही विधानसभा चुनाव (Assembly Elections) में जीत के लिए टिप्स भी दिए. उन्होंने, आजमगढ़ में 13 नवंबर को विश्वविद्यालय के शिलान्यास की घोषणा भी की. इस मंदिर आंदोलन के दौरान निर्मम और बर्बर गोलीकांड हुआ था. इस घटना की प्रत्येक नागरिक ने निंदा की थी, लेकिन सेक्युलरिज्म के नाम पर सामाजिक ताने बाने को छिन्न भिन्न करने वाले मौन थे या तुष्टिकरण की नीति पर चलकर इस घटना को जायज ठहराने का कुत्सित प्रयास कर रहे थे.
सीएम योगी ने कहा कि 9 नवंबर 2019 को सर्वोच्च न्यायालय ने मंदिर निर्माण के पक्ष में फैसला सुनाया तो 30 अक्टूबर 1990 को रामभक्तों और कारसेवकों पर गोलियां चलवाने वालों का आपराधिक कृत्य भी उजागर हो गया. 2017 से अयोध्या में शुरू किया गया दीपोत्सव अयोध्या धाम की महिमा के सम्मान के साथ ही मंदिर आंदोलन के अमर रामभक्तों को श्रद्धांजलि भी है. श्रीराम मंदिर आंदोलन से जुड़ी अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि 2014 में देश की जनता ने प्रधानमंत्री के रूप में नरेंद्र मोदी (PM Narendra Singh) पर विश्वास किया. 2019 में यह विश्वास फिर दोहराया गया. दुनिया का भारत के प्रति नजरिया बदला. अब तो असंभव कहे जाने वाले कार्य भी हो रहे हैं. उन्होंने कार्यकर्ताओं को आगाह करते हुए कहा कि बदले चेहरों के साथ आज भी वे लोग मौजूद हैं जो 1990 में अयोध्या में रामभक्तों पर गोली चलवा रहे थे. इन्हें जब भी अवसर मिलेगा, वैसा ही कार्य करेंगे.