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गोरखपुर: सहायक लेखाकार 22 हजार रुपये रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार

उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में एंटी करप्शन टीम ने मंगलवार को बिजली विभाग में तैनात सहायक लेखाकार को 22 हजार रुपये घूस लेते हुए गिरफ्तार किया है. सिद्धार्थनगर जिले में बिजली विभाग में तैनात सहायक लेखाकार भुगतान के पैसे पास कराने के लिए बिजली विभाग के ठेकेदार से रिश्वत की मांग कर रहा था.

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Published : Sep 17, 2019, 11:13 PM IST

रंगे हाथ किया गिरफ्तार

गोरखपुर:जनपद में एंटी करप्शन टीम लगातार रिश्वतखोर अधिकारी व कर्मचारियों के खिलाफ मुहिम चलाकर उन्हें गिरफ्तार कर रही है. मंगलवार को गोरखपुर एंटी करप्शन टीम ने बिजली विभाग में तैनात सहायक लेखाकार को 22 हजार रुपये घूस लेते हुए गिरफ्तार किया है. सिद्धार्थनगर जिले में बिजली विभाग में तैनात सहायक लेखाकार बिजली विभाग के ठेकेदार से रिश्वत की मांग कर रहा था. एंटी करप्शन टीम से उसकी शिकायत के बाद यह कार्रवाई की गई, टीम ने पूर्व नियोजित प्लान बनाकर ठेकेदार को 22 हजार रुपये के साथ सहायक लेखाकार के पास भेजा और सहायक लेखाकार को रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया.

रंगे हाथ किया गिरफ्तार

रंगे हाथ किया गिरफ्तार

  • गोरखपुर की खोराबार इलाके के इंजीनियरिंग कॉलेज पुलिस चौकी के पास सहायक लेखाकार को एक चाय की दुकान से गिरफ्तार किया गया है.
  • शिकायतकर्ता परशुराम जायसवाल ने विभाग में लाखों रुपए का सरकारी कार्य कराया था,जिसका भुगतान बाकी था.
  • पैसों को पास कराने के एवज में सहायक लेखाकार ने 22 हजार रुपये रिश्वत की मांग की थी.
  • महीनों चक्कर काटने के बाद थककर परशुराम जायसवाल ने इसकी शिकायत एंटी करप्शन टीम से की.
  • एंटी करप्शन टीम ने योजना बनाकर 22 हजार रुपये लेते हुए सहायक लेखाकार को रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया.

एंटी करप्शन टीम द्वारा ठेकेदार को सहायक लेखाकार से बात कर 22 हजार रुपये रिश्वत देने की बात कही गई, ठेकेदार ने जब सहायक लेखाकार से बात की तो, उसने बताया कि वह गोरखपुर में है. यही इंजीनियरिंग कॉलेज के पास उसे रिश्वत का पैसा दे दे. एंटी करप्शन टीम ने योजना बनाकर 22 हजार रुपये लेते हुए सहायक लेखाकार को रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया.
- डी. पी. रावत, प्रभारी निरीक्षक एंटी करप्शन टीम

डीपी रावत ने बताया कि सिद्धार्थनगर में शिकायतकर्ता परशुराम जायसवाल ने विभाग में लाखों रुपए का सरकारी कार्य कराया था, जिसका भुगतान बाकी था. उन पैसों को पास कराने के एवज में सहायक लेखाकार ने 22 हजार रुपये रिश्वत की मांग की थी, महीनों चक्कर काटने के बाद थककर परशुराम जायसवाल ने इसकी शिकायत एंटी करप्शन टीम से की.

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